राजस्थान पुलिस की चेतावनी: फर्जी ईमेल, एसएमएस और लिंक से रहें दूर
जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के सीजन में होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी को लेकर एक अहम चेतावनी जारी की है। साइबर अपराधी टैक्स रिफंड, पैन-आधार लिंकिंग और प्रोफाइल सत्यापन जैसे बहाने बनाकर आम जनता को निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने लोगों को ऐसे धोखे से बचने के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है।
ठगी के आम तरीके
फर्जी मैसेज और कॉल : अपराधी फर्जी ईमेल, एसएमएस और कॉल के जरिए बताते हैं कि आपका टैक्स रिफंड रुका हुआ है या आपने गलत आईटीआर भरा है। वे आपको एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं, जो आपको एक नकली वेबसाइट पर ले जाता है।
फिशिंग वेबसाइट : ये लिंक आपको आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट incometax.gov.in जैसी दिखने वाली नकली साइट पर ले जाते हैं। यहां आपसे पैन, आधार, बैंक डिटेल्स, ओटीपी और लॉगिन पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी मांगी जाती है।
मालवेयर वाले अटैचमेंट : कुछ ईमेल में आईटीआर की रसीद के रूप में खतरनाक फाइलें (APK) होती हैं, जिन्हें डाउनलोड करने पर आपके फोन या कंप्यूटर में वायरस आ सकता है।
सोशल मीडिया स्कैम : व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया पर तत्काल रिफंड का दावा करने वाले फर्जी संदेश भेजे जाते हैं, जिनमें नकली लोगो या क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
खुद को कैसे बचाएं
हमेशा रहें सतर्क : आईटीआर से जुड़ी सेवाओं के लिए सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट incometax.gov.in का ही उपयोग करें।
जांच करें : किसी भी ईमेल या संदेश पर भरोसा करने से पहले, भेजने वाले के ईमेल पते की अच्छी तरह से जांच कर लें।
जानकारी साझा न करें : किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी, पैन नंबर, आधार नंबर, या कोई भी निजी जानकारी कभी न दें।
लिंक पर क्लिक न करें : अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
UPI/QR कोड स्कैन न करें : किसी भी अज्ञात क्यूआर कोड या यूपीआई लिंक के जरिए रिफंड पाने की कोशिश न करें।