जन्म के बाद उसमें शावकों के प्रति नहीं दिखा मातृत्व, विशेषज्ञों का मानना हार्मोन्स में बदलाव इसकी वजह
जयपुर। नाहरगढ बायोलॉजिकल पार्क में पिछले कुछ दिनों में करीब सात नन्हें शावकों की किलकारी गूंजी है। पिछले महीने बाघिन रानी ने पांच शावकों को जन्म दिया तो वहीं बीते रविवार को शेरनी तारा ने दो शावकों को जन्म दिया। इससे यहां इनके कुनबा भी बढ़ा है। लेकिन ऐसा दूसरी बार देखने को मिला है कि शेरनी तारा ने शावकों को अपनाया नहीं। जन्म के बाद करीब चार घंटे तक उनसे शावकों को दूध फीड नहीं कराया और ना उनकी ओर कोई विशेष रुचि दिखाई।
इसके बाद नाहरगढ बायोलॉजिकल पार्क प्रशासन ने शावकों को यहां रेस्क्यू सेंटर स्थित नियो नेटल केयर में शिफ्ट कर दिया। जहां वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ अरविंद माथुर की देखरेख में इनका लालन पालन किया जा रहा है। डॉ माथुर का कहना है कि शावकों को जन्म देने के बाद तारा ने एक बार भी शावकों के प्रति रुचि नहीं दिखाई। वहीं इसके हार्मोन्स में बदलाव के कारण ना तो इसका दूध बन पा रहा है और ना ही इसमें मातृत्व का भाव दिखा। जन्म देने के कई घंटे बाद भी उसने शावकों के प्रति रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में उन्हें बचाने के लिए नियो नेटल केयर यूनिट लाया गया।