मरीजों को निजी चिकित्सालयों में अनावश्यक रेफर करने पर राजकीय चिकित्सक के विरुद्ध सख्त का कार्रवाई की जाएगी : चिकित्सा शिक्षा मंत्री

जयपुर। चिकित्सा शिक्षा मंत्री गजेंद्र सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि राजकीय चिकित्सकों द्वारा मरीजों को अनावश्यक रूप से निजी चिकित्सालयों में रेफर किए जाने की शिकायत प्राप्त होने पर सम्बंधित चिकित्सक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में तत्कालीन सरकार द्वारा चिकित्सा संस्थाओं के पीपीपी मोड पर संचालन को बंद कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड पर संचालित चिकित्सा संस्थाओं में 1 मेडिकल ऑफिसर एवं 11 अन्य स्टाफ पर राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह 1 लाख 80 हजार से 2.50 लाख रुपए तक का व्यय किया जाता था। 

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरक़ार द्वारा वर्तमान में प्रदेश में चिकित्सा संस्थाओं को पीपीपी मोड पर दिए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। 

इससे पहले विधायक बहादुर सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भरतपुर जिले में किसी भी चिकित्सा संस्थाओं को पीपीपी मोड पर नही दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!