जयपुर। जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित जूनियर समर कैंप में जहां एक ओर बच्चों को आधुनिक कलाओं से रूबरू कराया जा रहा है, वहीं उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए लोक और पारंपरिक कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक लुप्त होती कला ‘फड़ चित्रण’ है, जिसे बच्चे पूरे उत्साह और लगन से सीख रहे हैं।
फड़ चित्रण की क्लास में दस से सोलह वर्ष आयु वर्ग के बच्चों ने भाग लिया है। इस पारंपरिक कला का प्रशिक्षण अभिषेक जोशी दे रहे हैं। अभिषेक बताते हैं कि फड़ चित्रण में मुख्यतः देवी-देवताओं के चित्र बनाए जाते हैं, जिसमें हर आकृति एक निश्चित अनुपात के आधार पर रची जाती है। कक्षा में बच्चे अपनी कल्पनाओं को कैनवास पर उकेर रहे हैं।
सह प्रशिक्षक सीमा जोशी भी बच्चों को यह कला सिखाने में साथ दे रही हैं। यहां बच्चों ने राधा-कृष्ण, रिद्धि-सिद्धि संग विराजमान श्रीगणेश, झूले पर झूलती महिला और केले के पेड़ जैसी विभिन्न कलाकृतियों को कैनवास पर उकेरा है। इसके लिए बच्चे जलरंगों का उपयोग कर रहे हैं, जबकि पारंपरिक फड़ चित्रण में स्टोन कलर का इस्तेमाल किया जाता है।