अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर तासी शेरपा को पांच साल का कठोर कारावास

भोपाल। अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर तासी शेरपा को 9 साल की जांच के बाद ट्रॉयल कोर्ट नर्मदापुरम ने 9 मई को सुनवाई के बाद 5 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। तस्कर तासी शेरपा को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल में 25 जनवरी, 2024 को गिरफ्तार किया गया था।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदापुरम में जुलाई-2015 में बाघ के अवैध शिकार और बाघ की हड्डियों की चीन में अवैध तस्करी के प्रकरण में अपराधी तस्कर तासी शेरपा को स्टेट टाइगर फोर्स को विवेचना के लिये सौंपा गया था। स्टेट टाइगर फोर्स ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी नर्मदापुरम ने 27 आरोपियों को दोषी ठहराया था।

स्टेट टाइगर फोर्स ने वैज्ञानिक विवेचना करते हुए तासी शेरपा के ब्रेन मेपिंग और नार्को एनालिसिस करवाया। इससे उसके खिलाफ महत्वूर्ण सबूत मिले, जिसके अतिरिक्त साइबर डेटा भी एकत्रित कर न्यायालय में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में पेश किया गया। जांच के दौरान एसटीएसएफ ने इंटरपोल, वन्य-जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सहायता भी ली गई।

तासी शेरपा अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्करी गिरोह की महत्वपूर्ण कड़ी है। इसका नेटवर्क भारत, नेपाल, भूटान और चीन तक फैला हुआ है। तासी शेरपा मूल रूप से तिब्बत का निवासी है। शेरपा की जमानत को मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय जबलपुर ने खारिज कर दिया था। इसके बाद जुलाई-2024 में उसके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में जमानत याचिका दायर की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने भी याचिका को खारिज कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रॉयल कोर्ट को एक साल के भीतर ट्रॉयल पूरा करने के निर्देश दिये थे।

यह देश का पहला मामला है, जिसमें शिकारियों, कुरियर, बिचौलियों और तस्करों सहित 28 व्यक्तियों के पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर दोषी ठहराया गया। इसमें एक अंतरराष्ट्रीय बाघ तस्कर तासी शेरपा पर सफलतापूर्वक मुकदमा चलाकर दोषी ठहराया गया। इस कार्य में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नर्मदापुरम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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