कल्चरल डायरीज में रास लीला और ताल वाद्य कचहरी रहेंगी मुख्य आकर्षण

राजस्थान पर्यटन की अनूठी पहल से सांस्कृतिक विरासत को मिल रही नई पहचान

जयपुर। राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देने और पारंपरिक लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से कल्चरल डायरीज का आयोजन 21-22 मार्च को अल्बर्ट हॉल जयपुर में किया जाएगा। राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी की पहल पर शुरू की गई इस श्रृंखला के माध्यम से पारंपरिक कला रूपों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिल रही है।

कल्चरल डायरीज के पहले दिन 21 मार्च को कृष्ण लीला की भव्य प्रस्तुति होगी। जिसे भारतीय कत्थक नृत्य एवं संगीत संस्थान की निदेशक डॉ. स्वाति अग्रवाल और उनकी टीम प्रस्तुत करेगी। इस प्रस्तुति में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को नृत्य और संगीत के माध्यम से जीवंत किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत कृष्ण जन्म, गोपियों संग रास, माखन चोरी, यशोदा संग वात्सल्य, असुरों का वध, गोवर्धन पर्वत धारण और राधा-कृष्ण प्रेम जैसे विभिन्न दृश्यों को आकर्षक कत्थक शैली में प्रस्तुत किया जाएगा।


22 मार्च को ताल वाद्य कचहरी’ का आयोजन होगा। जिसमें प्रसिद्ध संगीतज्ञ मुफ्फर रहमान एवं उनकी टीम भारतीय शास्त्रीय संगीत और ताल वाद्यों की मोहक प्रस्तुति देंगे। यह आयोजन राजस्थान के पारंपरिक और शास्त्रीय संगीत की समृद्ध विरासत को दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास है।

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