सदाबहार अभिनेता देवानंद की पुण्यतिथि पर कलाकारों ने पेश की अनूठी स्वरांजलि
जयपुर। हज़ारों लोग इस दुनिया में आते जाते रहते हैं, सफल जीना तो उसका है, जिसे सब ‘देव”कहते हैं’! शायर इकराम राजस्थानी की कही ये पंक्तियां जवाहर कला केंद्र में उस समय जीवंत हो गईं जब कलाकारों ने देवानंद पर फिल्माए गए चर्चित गीत ‘अभी ना जाओ छोड़कर’ की धुन पर छः अलग अलग गीत गाकर उनके प्रति अपनी दीवानगी को दर्शाया I मौका था
सदाबहार अभिनेता देवानंद की पुण्यतिथि पर जवाहर कला केंद्र के सहयोग से केन्द्र के कृष्णायन सभागार में हुए कार्यक्रम ‘यादों में भी देव’ की आखिरी प्रस्तुति का I
द एवरग्रीन देव आनंद सोसायटी के बैनर पर उसके अध्यक्ष रवि कामरा के संयोजन में हुए इस कार्यक्रम में राजकुमार लोटा, धर्मेन्द्र छाबड़ा, संजय कौशिक, नवनीत पंजाबी, अमिताभ जैन और अनुसूइया गुप्ता ने देवानंद अभिनीत फ़िल्म ‘हम दोनों’ के चर्चित गीत ‘अभी न जाओ छोड़ कर’ की धुन पर छह अलग अलग भावों वाले गीतों को पेश किया।
ये छह गीत इन कलाकारों ने एक के बाद एक मंच पर आकर एकल रूप में पेश किए और अन्त में मूल गीत ‘अभी ना छोड़कर’ पेश किया तो ऑडिटोरियम में बैठे दर्शकों ने भी सुर में सुर मिलाकर इस गीत को सामूहिक अभिव्यक्ति का विषय बना दिया। इस गीत में सैक्सोफोन पर कवि शर्मा और बांसुरी पर मनोहर मामाजी ने सुरीली संगत कर इस प्रस्तुति को और भी अनूठा बना दिया।
कलाकारों ने सुनाए और भी कई गीत
इससे पूर्व कलाकारों ने देवानंद अभिनीत फिल्मों के कई गीत प्रस्तुत किए। इन गीतों में राजेश शर्मा ने ऐसे ना मुझे तुम देखो, धर्मेन्द्र छाबड़ा ने तेरी दुनिया में जीने से बेहतर है कि मर जाएं, अजमेर से आए अनिल जैन ने जीवन के सफर में राही, जयपुर के किशोर सरावगी ने अपनी तो हर आह इक तूफान है, सुमन माथुर ने जहां में ऐसा है कौन है जिसकों ग़म नहीं मिला और गीतिका चतुर्वेदी ने तेरा मेरा प्यार अमर जैसे गीतों के जरिए माहौल को रूमानी बना दिया।
आगामी वर्षों में भी जारी रहेगा सिलसिला
इस मौके पर सोसायटी के अध्यक्ष रवि कामरा ने बताया कि इस प्रस्तुति के साथ ही इस कार्यक्रम के दस वर्ष पूरे हो गए हैं। देवानंद के प्रति लोगों को अनुराग को देखते हुए इसे आगामी वर्षों में भी जारी रखा जाएगा। पहला कार्यक्रम 2014 में जवाहर कला केन्द्र में ही पेश किया गया था।