जयपुर। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जिम्बाब्वे में आयोजित रामसर कॉप-15 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अलवर की सिलीसेढ़ झील को रामसर साइट घोषित किए जाने का प्रस्ताव रखा है।
यादव ने वेटलैंड कन्वेंशन की महासचिव डॉ. मुसोंड़ा मुंम्बा से मुलाकात कर उनके समक्ष सिलीसेढ़ झील के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को भी साझा करते हुए सिलीसेढ़ झील को रामसर साइट घोषित किए जाने का प्रस्ताव रखा है। रामसर स्थल के रूप में नामित होने पर सिलीसेढ झील को आर्द्रभूमि (वेटलैंड) के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता, संरक्षण प्रयासों में वृद्धि और सतत विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अवसर मिलेंगे।
उल्लेखनीय है कि 91 रामसर स्थलों के साथ भारत में अब एशिया में सबसे अधिक रामसर साइटें हैं। हाल ही में राजस्थान के फलौदी में खीचन और उदयपुर में मेनार को रामसर स्थल घोषित किया गया है। भारत ने वेटलैंड कन्वेंशन के समक्ष अरुणाचल प्रदेश के ग्लो लेक, बिहार के गोगाबिल लेक, गुजरात के छारी ढांड वेटलैंड रिज़र्व और गोसाबरा वेटलैंड को भी रामसर स्थलों की सूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव रखा है।