बांध 83 प्रतिशत तक लबालब, 19 जिलों में असामान्य वर्षा, 95 की मौत, 792 लोग रेस्क्यू
जयपुर। इस बार मानसून ने राजस्थान पर जमकर मेहरबानी की है। 1 जून से 29 अगस्त तक राज्य में 543.63 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि सामान्य औसत 355.46 मिमी है। यानी राज्य में इस बार 52.94 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है।
राज्य में बांधों की कुल भराव क्षमता 13,026 M. Cum है, जिसमें से 29 अगस्त तक 10,830.42 M. Cum (83.12 प्रतिशत) पानी भर चुका है। 15 जून से 29 अगस्त के बीच अजमेर, जयपुर, कोटा, जोधपुर समेत 19 जिलों में 60 प्रतिशत से अधिक (असामान्य) वर्षा हुई है।
हालांकि अधिक बारिश ने चुनौतियां भी खड़ी कीं। राज्य में अतिवृष्टि के कारण 44 लोग बहने-डूबने से, 26 आकाशीय बिजली से और 25 दीवार-मकान गिरने से मारे गए। यानी कुल 95 मौतें, साथ ही 58 लोग घायल हुए। सरकार ने मृतकों के आश्रितों को 4 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है।
राहत और बचाव कार्य
बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की 57 और एनडीआरएफ की 7 टीमों को तैनात किया गया है। अब तक 792 लोगों का रेस्क्यू किया गया। कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर लगाए गए।
सरकारी एक्शन और प्लानिंग
आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री किरोडी लाल मीणा, गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने सवाई माधोपुर के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। लटिया नाला की जल निकासी क्षमता बढ़ाने और सूरवाल बांध को ERCP से जोड़ने के लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए। अत्यधिक वर्षा से प्रभावित जिलों में राहत शिविर भी लगाए गए हैं ताकि लोगों को तात्कालिक मदद दी जा सके।
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