भरतपुर। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजस्थान फॉरेस्ट्री एंड बायोडायवर्सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट #RFBDP द्वारा भरतपुर जिले के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पर्यावरण संरक्षण और सतत आजीविका को लेकर विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 100 ग्रामीणों ने भाग लिया।जिनमें महिलाएं, युवा, बच्चे तथा स्वयं सहायता समूह #SHG के सदस्य प्रमुख रूप से शामिल रहे।
कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटकों, पोस्टर प्रदर्शनी, पर्यावरणीय खेल कठपुतली नांच और खुली चर्चा सत्रों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, जल संरक्षण और पर्यावरण के प्रति सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसे मुद्दों को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया।
परियोजना निदेशक टी. जे. काविथा, IFS ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक निरंतर संकल्प है। RFBDP इसी भावना को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों को यह बताया गया कि जलवायु संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास ज़रूरी हैं, जैसे पौधारोपण, जैविक खेती को बढ़ावा देना, पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में व्यवहार परिवर्तन।
इस अवसर पर डीसीएफ मानस सिंह ने कहा कि RFBDP का उद्देश्य यह है कि संरक्षण की भावना केवल काग़ज़ी योजना न रहे, बल्कि ग्रामीण जीवन के हर पहलू में यह समाहित हो। गांवों की भागीदारी से ही वनों और पर्यावरण का भविष्य सुरक्षित हो सकता है। प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण केवल वन विभाग की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
इस कार्यक्रम में RFBDP की टीम से जॉय दासगुप्ता, हेमन्त कुमार दीक्षित और बिन्नी मेहता ने भाग लिया और समुदाय के साथ संवाद स्थापित कर परियोजना के उद्देश्यों से उन्हें अवगत कराया।