जयपुर। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उत्तर प्रदेश सरकार पर महाकुंभ मेले में हुई अव्यवस्था को लेकर कहा कि यूपी सरकार केवल रिकॉर्ड बनाने और प्रचार में लगी रही, लेकिन श्रद्धालुओं की सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने वीआईपी संस्कृति पर भी सवाल उठाया। पायलट शुक्रवार को होटल क्लार्क्स आमेर में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने आए थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि JLF एक ऐसा मंच है, जहां विभिन्न विषयों पर खुलकर चर्चा होती है और विचारों का आदान-प्रदान किया जाता है। भले ही सभी की राय अलग हो, लेकिन बातचीत और विचार-विमर्श जरूरी है।
सचिन पायलट ने लोगों से अपील की कि इस आयोजन को और भव्य बनाया जाए, क्योंकि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है और राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और विरासत को संजोने में मदद मिलती है। उन्होंने इस आयोजन को रोजगार सृजन से भी जोड़ा और कहा कि ऐसे महोत्सवों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलते हैं।
यूपी में हो रहे महाकुंभ मेले में भाग लेने को लेकर पूछे गए सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि हर व्यक्ति की अपनी धार्मिक आस्था होती है और इसे प्रदर्शित करने या इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हर व्यक्ति को अपने धर्म और आस्था के पालन की पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए।
सचिन पायलट ने केंद्र सरकार से राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कई वर्षों से राजस्थान की अनदेखी कर रही है। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि पिछले बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने राजस्थान का नाम तक नहीं लिया था। वहीं राजस्थान में विधानसभा सत्र शुरू होने पर सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदन में भाजपा सरकार के कार्यकाल में लिए गए फैसलों का लेखा-जोखा रखेगी।