अल्बर्ट हॉल पर फिर बहेगी राजस्थान की लोक संस्कृति की बयार


‘कल्चर डायरीज’ के अंतर्गत शुक्रवार को होगा अलगोजा वादन, शनिवार को लोक नृत्य

जयपुर। जयपुर की ऐतिहासिक धरोहर अल्बर्ट हॉल एक बार फिर लोक-धुनों और पारंपरिक नृत्यों की झलकियों का साक्षी बनेगा। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर शुरू की गई लोकप्रिय सांस्कृतिक श्रृंखला ‘कल्चर डायरीज’ के तहत 18 और 19 अप्रैल की शामें राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को समर्पित रहेंगी।

पहले दिन शुक्रवार को जैसलमेर से आए प्रसिद्ध अलगोजा वादक तगाराम भील एवं उनके दल द्वारा लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उनकी अलगोजा की धुनें श्रोताओं को थार के रेगिस्तान की आत्मा से जुड़ने का अवसर देंगी। यह आयोजन पारंपरिक लोकवाद्य की समृद्ध विरासत को जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास है।

वहीं दूसरे दिन शनिवार को उदयपुर के धरोहर संस्थान द्वारा चरी, घूमर, भवई, तेहर ताली, गवरी और मयूर नृत्य की भव्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी। ये सभी लोक नृत्य राजस्थान की विविध सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतिबिंब हैं, जो दर्शकों को रोमांच और आनंद से भर देंगे।

गौरतलब है कि ‘कल्चर डायरीज’ न केवल प्रदेश के लोक कलाकारों को मंच दे रही है, बल्कि जयपुर आने वाले घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक अनुभव को भी समृद्ध कर रही है। यह पाक्षिक सांस्कृतिक आयोजन न केवल लोक कलाओं के संरक्षण व संवर्धन की दिशा में कार्य कर रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ रहा है।

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