जयपुर। जवाहर कला केंद्र में चल रहे जूनियर समर कैंप के तहत बच्चों को विभिन्न रचनात्मक विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक विधा है संगीत, जहां प्रशिक्षक शेर मोहम्मद बच्चों को सिंथेसाईज़र बजाना सिखा रहे हैं। सिंथेसाईज़र एक आधुनिक वाद्य यंत्र है, जिसमें अनेक वाद्य यंत्रों की ध्वनियां समाहित होती हैं। यह बच्चों के लिए न केवल संगीत सीखने का एक नया माध्यम है, बल्कि उनकी रचनात्मकता और सुनने की क्षमता को भी विकसित करता है। प्रशिक्षण की शुरुआत संगीत की मूल बुनियाद, यानी सरगम से की गई है। शेर मोहम्मद बच्चों को सुरों की पहचान, कोमल व तीव्र स्वर, सही उंगली पकड़, ताल और लय की समझ दे रहे हैं।
बच्चे सीख रहे सुरों की पहचान और धुन बजाना
इस कक्षा में बच्चों को विभिन्न धुनों पर अभ्यास कराया जा रहा है। इनमें सुगम गायन, शास्त्रीय धुन व बंदिशें शामिल हैं। मोहम्मद ने बताया कि किसी भी वाद्य यंत्र को सीखने से पहले सरगम का अभ्यास जरूरी होता है, क्योंकि इससे सुरों की शुद्धता और नियंत्रण आता है। बच्चे पूरे उत्साह और लगन के साथ अभ्यास कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण उन्हें न सिर्फ संगीत से जोड़ रहा है, बल्कि अनुशासन और एकाग्रता भी सिखा रहा है। जेकेके का यह प्रयास बच्चों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें कलात्मक दृष्टिकोण देने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।