ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से मिलेगा पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा, एयरो स्पोर्ट्स और एडवेंचर टूरिज्म के लिए नई नीति लागू
फ्लाइंग स्कूलों से युवाओं के सपनों को लगेंगे पंख, आरसीएस योजना से दूर-दराज़ क्षेत्रों को मिलेगा हवाई संपर्क
राइजिंग राजस्थान से विमानन क्षेत्र में 1500 करोड़ का निवेश संभावित
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में हवाई सेवाओं का विस्तार पर्यटन, शिक्षा और औद्योगिक विकास को नई गति दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 1507 करोड़ रुपए की लागत से कोटा-बूंदी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को मंजूरी दी गई है। यह एयरपोर्ट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और ए-321 श्रेणी के विमानों का संचालन संभव होगा।
पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों हेतु हवाई पट्टियों की भूमि लीज आवंटन नीति लागू की है। इस नीति से एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे।
युवाओं के लिए विमानन क्षेत्र में करियर के अवसर खोलने के लिए किशनगढ़ में फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन शुरू किया गया है। जल्द ही भीलवाड़ा में भी फ्लाइंग स्कूल शुरू होगा। सरकार अन्य जिलों में भी ऐसे प्रशिक्षण केंद्र खोलने की दिशा में प्रयासरत है।
जयपुर, उदयपुर और किशनगढ़ हवाई अड्डों का विस्तार जारी है। साथ ही, माउंट आबू, सवाई माधोपुर और श्रीगंगानगर जैसे प्रमुख स्थलों को क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए विमान ईंधन पर वैट 26 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है।
राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट और नई नागरिक विमानन नीति-2024 से राज्य में अब तक 10 एमओयू साइन हुए हैं, जिनसे करीब 1500 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है। इस नीति से विमानन प्रशिक्षण, एयरोस्पेस गतिविधियों और एमआरओ सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
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