धुनों की जुगलबंदी ने बिखेरा जादू तो भरतनाट्यम ने बांधा समां, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

जवाहर कला केंद्र में दो दिवसीय मेघ उत्सव का हुआ आगाज़, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव रहे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि

रविवार शाम को लोक गायक मूरलाला मारवाड़ा देंगे प्रस्तुति

जयपुर। राजधानी जयपुर की सांस्कृतिक फिज़ा शनिवार की शाम सुरों, तालों और नृत्य की मोहक प्रस्तुतियों से सराबोर हो उठी। जवाहर कला केंद्र में डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा आयोजित दो दिवसीय मेघ उत्सव की रंगारंग शुरुआत ने श्रोताओं व दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अदनान ग्रुप की प्रस्तुति से हुआ, जिसमें सितार, वायलिन और तबले की जुगलबंदी ने श्रोताओं को संगीत के एक नए अनुभव से जोड़ा। अदनान खान और उनके साथी कलाकारों ने राग मेघ और राग मल्हार जैसे मानसूनी रागों को फ्यूजन शैली में प्रस्तुत किया। शास्त्रीय परंपरा की गहराई और आधुनिक ध्वनियों की ऊर्जावान गति का यह संयोजन ऐसा प्रभाव उत्पन्न कर गया कि दर्शकों की तालियों ने सभागार की गूंज को स्वर लहरियों में बदल दिया।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। आयोजन का उद्घाटन डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा (आईएएस) की उपस्थिति में हुआ।

उन्होंने बताया कि मेघ उत्सव केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि मानसून की रचनात्मकता, सौंदर्य और सांस्कृतिक चेतना को लोक व शास्त्रीय कलाओं के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास है। यह मंच परंपरा और आधुनिकता के संगम का प्रतीक बन रहा है।

रविवार को समापन अवसर पर विश्वविख्यात लोक गायक मूरलाला मारवाड़ा की कबीर व सूफी गायन प्रस्तुति होगी, जिसमें उनके स्वरों के माध्यम से आत्मिक गहराई, दर्शन की ऊंचाई और संगीत की माधुर्यता का संगम श्रोताओं को एक अनूठी अनुभूति प्रदान करेगा।

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