जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को भरतपुर में राजकीय आरबीएम अस्पताल का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी, आईसीयू, सामान्य वार्ड सहित विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण किया।
राठौड़ ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से संबद्ध इस अस्पताल में अब लगभग 925 बैड की सुविधा उपलब्ध है। रोगियों को यहां बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए उपलब्ध फैकल्टी के अनुसार बैड ब्रेक-अप तैयार करें और रोगियों को सुगमता के साथ गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध करवाएं। प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि नर्सिंगकर्मी रोगी के उपचार के दौरान सेवाओं में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें। हर समय वार्ड में नर्सिंगकर्मी उपस्थित रहें और अपनी ड्यूटी पूरे अनुशासन के साथ करें।
सीसीटीवी कैमरे लगाएं, स्टाफ के बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर करें कार्रवाई
प्रमुख शासन सचिव ने अस्पताल के स्टाफ को समय पर आने के लिए पाबंद करते हुए निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर में सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर नियमित मॉनिटरिंग की जाए। साथ ही, मुख्यालय के स्तर से भी इसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें कि अस्पताल में चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ अपनी ड्यूटी पर आवश्यक रूप से उपस्थित रहें। अगर कोई कार्मिक बिना सूचना के अनुपस्थित पाया जाए तो नियमानुसार कार्रवाई करें।
रोगियों के साथ करें शालीन व्यवहार, साफ-सफाई बेहतर बनाएं
राठौड़ ने अस्पताल परिसर एवं शौचालयों में साफ-सफाई की स्थिति को सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी अस्पताल की साफ-सफाई को बेहतर बनाएं एवं मेंटीनेंस कार्यों को मिशन मोड में पूरा करें। उन्होंने अस्पताल कर्मियों को रोगियों एवं परिजनों के साथ शालीनता के साथ व्यवहार करने और अस्पताल में फ्रेण्डली माहौल रखने के निर्देश भी दिए।
अनावश्यक रूप से रोगियों को रैफर नहीं करें
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि अस्पताल में विभिन्न रोगों के मरीजों को अनावश्यक रूप से निजी या अन्य अस्पतालों रैफर नहीं किया जाए। रोगी की स्थिति का आकलन कर यथासंभव अस्पताल में उपचार उपलब्ध करवाएं। अत्यधिक जटिल स्थितियों में या किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवाएं उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ही रोगी को रैफर करें। उन्होंने जिले में टीकाकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि आईएचएमएस पोर्टल पर नियमित रूप से डेटा अपडेट किया जाए, तथा इस डेटा का विश्लेषण करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाए।