जयपुर। भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी का पर्व बुधवार को गणेश चतुर्थी के रूप में विभिन्न शुभ योगों में मनाया जाएगा। घर-घर में प्रथम पूज्य गणेशजी का पूजन, अभिषेक और सिंदूरी चोला धारण कराया जाएगा। डंका अर्पित कर लड्डू-गुड़धानी का भोग लगाया जाएगा। नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं की ओर से शहर के प्रमुख गणेश मंदिरों में पूजन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
सिंजारा पर्व में रची मेहंदी, 3100 किलो मेहंदी का वितरण
गणेश चतुर्थी से पूर्व मंगलवार को सिंजारा पर्व धूमधाम से मनाया गया। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में गणपति को स्वर्ण मुकुट और नौलखा श्रृंगार से अलंकृत किया गया। शाम को विशेष श्रृंगार के साथ गणेशजी को मेहंदी अर्पित की गई और भक्तों में 3100 किलो मेहंदी वितरित की गई। गढ़ गणेश मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाल स्वरूप गणपति को मेहंदी धारण कराई गई।
मंदिरों में भक्ति संध्या और रात्रि जागरण
नहर गणेश मंदिर, ब्रह्मपुरी माउंट रोड, चांदपोल परकोटा और गलता गेट स्थित गणेश मंदिरों में भी सिंजारा पर्व पर विशेष आयोजन हुए। भक्ति संध्या, मोदकों की झांकी और रात्रि जागरण से वातावरण भक्तिमय रहा। घर-घर महिलाओं और बच्चों ने मेहंदी रचाई और पारंपरिक गीतों के साथ गणपति बप्पा का आह्वान किया। बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मंदिर में महागणपति महोत्सव का शुभारंभ ध्वजा अर्पण से हुआ।
गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा के अनुसार, 27 अगस्त को चतुर्थी अपराह्न 3:44 बजे तक रहेगी। मध्याह्न काल 11:11 से 1:45 तक श्रेष्ठ है। लाभ-अमृत चौघडिया 6:08 से 9:18, शुभ चौघडिया 10:53 से 12:28, वृश्चिक लग्न 12:11 से 2:29 और चर-लाभ-अमृत चौघडिया 3:38 से 6:49 तक रहेगा।
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