मेघ उत्सव में मूरालाला मारवाड़ा की कबीरवाणी ने बांधा समा

जवाहर कला केंद्र में गूंजीं सूफी सुरों की मधुर ध्वनियां, मीरा बाई के भजनों के साथ हुआ मेघ उत्सव काभक्तिमय समापन

जयपुर। जवाहर कला केंद्र में चल रहे मेघ उत्सव के अंतिम दिन, रविवार को विश्वप्रसिद्ध कबीर सूफी गायक मूरालाला मारवाड़ा की मनमोहक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को आत्मविभोर कर दिया। गुजरात के कच्छ क्षेत्र से पधारे मूरालाला ने कबीर की वाणी को अपनी विशिष्ट लोक-सूफी शैली में प्रस्तुत कर माहौल को आध्यात्मिक रस और संगीतमय भावनाओं से भर दिया।

मन लागा मेरे यार फकीरी में, झीनी-झीनी बीनी चदरिया जैसे कालजयी पदों के साथ-साथ मीरा बाई के भजनों की गायन प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुति में लोक, सूफी और भक्ति का जो अनूठा संगम देखने को मिला, उसने मेघ उत्सव को एक यादगार अनुभव में बदल दिया।कार्यक्रम की शुरुआत से ही संगीतप्रेमियों की उत्साही उपस्थिति देखने को मिली और समापन तक सभागार तालियों की गूंज से गूंजता रहा।

इस अवसर पर डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा (आईएएस), रेरा चेयरपर्सन वीनू गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, प्रमुख महालेखाकार सतीश गर्ग, राजीविका की परियोजना निदेशक नेहा गिरी, भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी कविता सिंह एवं निशांत जैन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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