पूस की रात में दिखाया किसान की पीड़ा, प्रेम, स्वाभिमान, संवेदनशीलता

जयपुर नाट्य समारोह का आगाज, शुक्रवार को होगा ‘जैसा तुम कहो’ नाटक का मंचन

जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित दो दिवसीय जयपुर नाट्य समारोह का गुरुवार को आगाज हुआ। पहले दिन विकास सैनी के निर्देशन में नाटक पूस की रात का मंचन किया गया। नाटक की कहानी मुंशी प्रेमचंद ने लिखी है जिसका नाट्य रूपांतरण ओम प्रकाश सैनी ने किया है। नाटक किसान की पीड़ा, प्रेम, स्वाभिमान, संवेदनशीलता को समाहित करने वाली
मार्मिक और प्रेरणादायक कथा है। इसमें भारत के ग्रामीण जीवन का वह सच दिखाया गया है जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। समारोह के दूसरे दिन शुक्रवार को शाम 7 बजे केशव गुप्ता के निर्देशन में नाटक ‘जैसा तुम कहो’ खेला जाएगा।

पूस की रात का मुख्य पात्र हल्कू, एक भोला-भाला किसान, अपनी पत्नी मुन्नी और अपने वफादार कुत्ते जबरा के साथ जीवन बिता रहा है। कर्ज, गरीबी और खेती की चुनौतियां उसके जीवन के अंग बन चुके हैं। जब पूस की कड़कड़ाती ठंड में हल्कू को खेत की रखवाली करनी होती है, तो उसके पास एक फट्टा कम्बल है, हल्कू मुन्नी को पुराने फट्टे कम्बल को टांका लगाने के लिए बोलता है, हल्कू ने मजदूरी से एक-एक पैसा काट कर तीन रुपए मुन्नी के पास जमा किए थे कि वह सर्दियों में कंबल खरीद लेगा, इधर मुन्नी भी अपना पेट काट कर कम्बल के लिए रुपए इकट्ठा करती गई।

ओम प्रकाश सैनी ने हल्कू और निमिषा शर्मा ने मुन्नी की भूमिका निभाई। अन्य कलाकारों में मौलिक सैनी, बबलेश सैनी, रोशन सैनी, मानवेंद्र सिंह, शिवम अग्रवाल, युवांक खडोलिया,
निमिष दाधीच शामिल रहे। मंच से परे हरिओम ने (आर्ट बॉय), प्रवीण कुमावत (संगीत प्रवाह), विवेक माथुर (रूप सज्जा), ओम प्रकाश सैनी, कौशल्या सैनी (वस्त्र सज्जा), प्रकाश संयोजन, डिजाइन एवं निर्देशन विकास सैनी ने संभाला।

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