साल 2020 में इनकी संख्या रही 674
जयपुर। एशियाई शेर परियोजना-प्रोजेक्ट लायन- गुजरात के गिर क्षेत्र में क्रियान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना में संरक्षण और पारिस्थितिकी विकास को समेकित कर गुजरात में एशियाई शेरों को क्षेत्र पारिस्थितिकी-आधार पर संरक्षित रखा जा रहा है। ‘लायन @ 47: अमृतकल विजन’ शीर्षक से तैयार प्रोजेक्ट लायन मसौदे के उद्देश्य के तहत शेरों की बढ़ती आबादी के प्रबंधन के लिए उनके अभ्यारण्यों को सुरक्षित और संरक्षित रखना, स्थानीय समुदायों का आजीविका सृजन-संरक्षण तथा पारिस्थितिकी विकास में भागीदारी बढ़ाना, शेरों की बीमारी के निदान और उपचार पर ज्ञान का वैश्विक केंद्र बनाना और प्रोजेक्ट लायन पहल के माध्यम से समावेशी जैव विविधता संरक्षण करना है।
जानकारी के अनुसार गुजरात में एशियाई शेरों की संख्या में वृद्धि का रुझान देखने को मिल रहा है। गुजरात राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में एशियाई शेरों की संख्या बढ़ी है। साल 2010 में यहां शेरों की संख्या 411 थी। वहीं साल 2015 में संख्या 523 और साल 2020 में इनकी संख्या 674 हो गई।
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार एशियाई शेरों को ‘लुप्तप्राय’ श्रेणी में रखा गया है जबकि 2008 में ये ‘गंभीर लुप्तप्राय’ श्रेणी में शामिल थे। एशियाई शेरों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में उनकी संख्या में वृद्धि हुई है।