समिट में 275 से अधिक वुमन बिजनेस लीडर्स, पॉलिसी मेकर्स, उद्यमी, ब्यूरोक्रेट्स और प्रोफेशनल महिलाओं ने लिया हिस्सा
जयपुर। दुनिया भर में महिलाओं को एक जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि महिलाएं एकजुट होकर, एक स्वर और एक भाषा में बोलें, तो कोई भी ताकत उन्हें किसी भी क्षेत्र में अपने लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। यह बात राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने जयपुर में आयोजित आईडब्ल्यूएन राजस्थान वुमन लीडरशिप समिट 2025 के छठे संस्करण के दौरान ‘सेलिब्रेटिंग ट्रांसफॉर्मेटिव लीडरशिप’ थीम पर एक सत्र में विशेष संबोधन के दौरान कही। शुक्रवार को समिट का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई), इंडियन वुमन नेटवर्क (आईडब्ल्यूएन), राजस्थान चैप्टर द्वारा किया गया था।
दीया कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण की पहलों की सराहना की, जैसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे समाज में बदलाव की प्रेरक शक्ति बनें और वंचित वर्ग की महिलाओं को सरकारी योजनाओं और नीतियों का लाभ दिलाने में मदद करें।
उप मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के प्रयासों के लिए अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा कि एक सैन्य परिवार की बेटी होने के नाते, वह सेना के बलिदान और सेवा भाव को अच्छे से समझती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राजस्थान के विकास में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और सीआईआई की सक्रिय भागीदारी के साथ राइजिंग राजस्थान पहल को विकास का एक सफल मॉडल बताया।
एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिण-पश्चिमी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की अहम भूमिका पर जोर दिया।
सीआईआई राजस्थान के चेयरमैन और संस्थापक प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, संजय अग्रवाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बैंकिंग सेक्टर महिलाओं को समर्थन देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि सुविधाजनक कार्य वातावरण, नियत कार्य समय, मातृत्व अवकाश सहित अन्य लाभ कार्यस्थल पर महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी में योगदान करते हैं।
पुलिस महानिरीक्षक, क्राइम ब्रांच, राजस्थान सरकार, परम ज्योति (IPS) ने आईपीएस अधिकारी बनने की अपनी प्रेरणादायक यात्रा साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने पारंपरिक रूप से पुरुष प्रधान क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना कर सफलता हासिल की।
प्रबंध निदेशक, राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन, IAS नेहा गिरी ने अपने धौलपुर कलेक्टर पद के दौरान छुआछूत खत्म करने के अपने प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने याद करते हुए बताया कैसे उन्होंने कार्यस्थल पर एक दलित महिला द्वारा दिया गया पानी पीकर जातिगत बाधाओं को तोड़ा। उन्होंने समाज में सोच बदलने की ज़रूरी आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
अतिरिक्त आयुक्त, आयकर विभाग, भारत सरकार, डॉ. मोनीषा सामरिया (IRS) ने सार्वजनिक सेवा में अपने सफर के बारे में बात करते हुए कहा कि यह समाज को कुछ लौटाने का उनका एक जागरूक प्रयास है। उन्होंने यह भी ज़ोर देकर कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता बेहद ज़रूरी है, जिसे उन्होंने सशक्तिकरण और सामाजिक प्रगति का एक अहम स्तंभ बताया।
दक्षिण-पश्चिमी कमान, भारतीय सेना, कर्नल काजल बाली ने साझा किया कि उनके लिए वर्दी कभी भी ‘जेंडर’ का विषय नहीं रही, बल्कि यह एक ऐसा विश्वास है जिसे उन्होंने अपनी पूरी यात्रा में दिल से अपनाया है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां जीवन का अभिन्न हिस्सा होती हैं, लेकिन कोई व्यक्ति उनका सामना कैसे करता है, वही उसकी वास्तविक नेतृत्व क्षमता को परिभाषित करता है।
इस अवसर पर सीआईआई के वरिष्ठ निदेशक और प्रमुख, नितिन गुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम इस बात को दर्शाता कि हमें ऐसे माहौल बनाने की जरूरत है जहां महिलाएं सिर्फ भागीदार न हों, बल्कि परिवर्तन की मुख्य सूत्रधार बनें। उन्होंने कहा, सीआईआई में हमारा लगातार प्रयास है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से नेतृत्व, समानता और व्यापक बदलाव को प्रोत्साहित किया जाए।