दुनिया में पुनः आए तुलसीदास… बताया कि कैसे रची गई रामचरित मानस…

शेखर सेन की एकल नाट्य प्रस्तुति ने मोहा मन

पर्यटन विभाग द्वारा राजस्थान दिवस पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला के तहत हुआ नाटक का मंचन

जयपुर। राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में शुक्रवार को बिरला सभागार में कलाकार, गायक और संगीतकार शेखर सेन द्वारा एकल नाट्य प्रस्तुति ‘तुलसीदास’ का मंचन किया गया। दर्शकों से खचाखच भरे सभागार में यह संगीतमय नाटक प्रस्तुत किया गया। जिसने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

तुलसीदास के जीवन की प्रेरणादायक प्रस्तुति
इस एकल नाट्य प्रस्तुति में गोस्वामी तुलसीदास के जीवन को रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया गया। मंच पर तुलसीदास 24 घंटे के लिए पृथ्वी पर लौटते हैं और अपने जीवन के अहम पहलुओं को दर्शकों के साथ साझा करते हैं। उनके बचपन का संघर्ष, विवाह, पत्नी के प्रेम में आसक्त होना, जीवन का मोड़ और फिर रामचरितमानस की रचना, इन सभी महत्वपूर्ण प्रसंगों को बेहद भावनात्मक और प्रभावशाली तरीके से पेश किया गया।

शेखर सेन के शानदार अभिनय और भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को गहरे तक प्रभावित किया। नाटक में तुलसीदास के संघर्ष, समाज में व्याप्त अंधविश्वास और धार्मिक आडंबरों के खिलाफ उनके विचारों को स्पष्ट रूप से उभारा गया। उन्होंने किस तरह अपनी काव्य शक्ति से आमजन तक रामकथा को पहुंचाया, यह नाटक का केंद्रीय विषय रहा।

संगीतमय प्रस्तुति ने मोहा मन
नाटक के दौरान कुल 52 संगीतमय अंश प्रस्तुत किए गए, जिनमें से कई ऐसे थे, जिन्होंने दर्शकों को भी साथ गुनगुनाने के लिए प्रेरित किया। शेखर सेन की सुरीली आवाज में तुलसीदास की रचनाओं का सजीव प्रस्तुतीकरण इस नाटक का विशेष आकर्षण रहा। उनके गाए गीतों ने सभागार में एक आध्यात्मिक और भावनात्मक माहौल बना दिया।

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