नई दिल्ली। भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के 55वें संस्करण के आखिरी संवाददाता सम्मेलन में, सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज ओटीटी पुरस्कार 2024 की जूरी के सदस्यों ने पीआईबी मीडिया सेंटर के प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल में मीडिया से बातचीत की।
जूरी के अध्यक्ष मधुर भंडारकर ने कहा कि कला के लिए कोई बंधन नहीं होता। इसकी कोई सीमा नहीं होती, और आप बस इससे जुड़ते हैं। यह किसी भी भाषा में हो सकती है। और मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छी बात है जो आज दुनिया भर में हुई है। भावनाओं को समझने के लिए आपको किसी विशिष्ट भाषा के ज्ञान की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसमें भाषांतर भी होते हैं। इस प्रकार, भावनाएं बहुत अच्छी तरह से जुड़ी हुई होती हैं।
शीर्ष दस नामांकनों की सूची में से एक विजेता का चयन करने में आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डालते हुए, जूरी के सदस्य कृष्णा हेब्बाले ने मजाक में कहा कि कोई घाव भले ही नहीं दिखा, लेकिन उन सभी दावेदारों ने अपने-अपने चयन के पक्ष में कड़ी लड़ाई लड़ी। जूरी के प्रत्येक सदस्य ने विचार-विमर्श के दौरान अपने मंतव्य पेश किए और पूरी ऊर्जा एवं दृढ़ विश्वास के साथ अपनी पसंद के पक्ष में तर्क दिए।
जूरी में सबसे कम उम्र के सदस्य हरीश शंकर ने अनुराग के साथ कहा, मैं उन लोगों में से एक हूं जिन्होंने कॉलेज के दिनों में लाइन में खड़े होकर मधुर भंडारकर की फिल्म के लिए टिकट खरीदा था। मैं इस जूरी में उनके साथ बैठकर सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। केवल एक विजेता को चुनने में उनके सामने आने वाली कठिन चुनौती के बारे में विस्तार से बताते हुए, उन्होंने कहा कि यह वास्तव में तर्क-वितर्क का मामला नहीं था, बल्कि विचार-विमर्श के माध्यम से आम सहमति तक पहुंचने का एक प्रयास था।