स्पॉट लाइट की रोशनी में जली एकल अभिनय की लौ, महफिल ए जयरंगम ने दिया सुकून

अभिनेत्री भूमिका दूबे ने दी एकल प्रस्तुति, प्रिया मलिक ने कविताओं से सजाई महफिल

टीम एनएक्सआर जयपुर। 13वें जयरंगम का दूसरा दिन थिएटर, संवाद, कविताओं और संगीत के नाम रहा। अभिनेत्री भूमिका दुबे के निर्देशन में खेले गए नाटक केला में प्रकृति प्रेम, लैंगिक विभेद, शहरीकरण और महिला मन के भावों को मंच के जरिए दर्शकों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। रंग संवाद में जयपुर के युवा निर्देशकों ने रंगमंच को लेकर अपने प्रयासों, अनुभव व चुनौतियों को साझा किया। अभिषेक मुद्गल के निर्देश में वीर योद्धा कर्ण के जीवन गाथा को जाहिर करने वाले नाटक रश्मिरथी का मंचन किया गया। प्रिया मलिक ने कविताओं और संगीत के सौंदर्य से सराबोर प्रस्तुति ‘इश्क’ के जरिए महफिल ए जयरंगम को सुकून से भर दिया।

कृष्णायन में जयरंगम के स्पॉट लाइट सैगमेंट के तहत केला नाटक का मंचन किया गया। वहीं रंग संवाद में देशराज गुर्जर, अनुरंजन शर्मा, गौरव कुमार, अभिषेक विजय, चिन्मय मदान, शुभम अमेटा और मुदिता चौधरी ने ‘जयपुर शहर का युवा मन और रंगमंच का परिदृश्य’ विषय पर चर्चा की। मूमल तंवर ने सत्र का मॉडरेशन किया। सभी वक्ता युवा निर्देशक है जो रंगमंच को नए आयाम तक पहुंचाने को प्रयासरत है। सभी ने थिएटर से जुड़े अनुभव, संघर्ष, चुनौतियों को साझा किया। चर्चा से निकलकर आया कि युवा मन अपनी बात को नए अंदाज में प्रयोगों के साथ रखने को आतुर है और इसके लिए वे थिएटर को सबसे सशक्त माध्यम मानते हैं। इस सत्र ने युवा रंगकर्मियों को प्रेरित किया अपने ढंग से नए विचारों को साथ रंगमंच पर छाप छोड़ने के लिए।

इसके अतिरिक्त रंगायन में अभिषेक मुद्गल के निर्देशन में नाटक रश्मिरथी का मंचन किया गया। रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित महाकाव्य ‘रश्मिरथी’ पर आधारित नाटक ‘कर्ण’ के जीवन के इर्दगिर्द घूमता है। किन परिस्थितयों में उसकी माँ कुन्ती द्वारा कर्ण के जन्म लेते ही उसका त्यागना, जीवन भर उसका पीछा नहीं छोड़ता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!