टेल्स फ्रॉम द वाइल्ड: राजस्थान के वन्यजीव और जैव विविधता पर चर्चा

जयपुर। जयपुर के अशोक क्लब में ‘टेल्स फ्रॉम द वाइल्ड’ शीर्षक पर एक रोचक टॉक सेशन आयोजित किया गया। सेशन में प्रतिष्ठित भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी, राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अरिजीत बनर्जी ने हिस्सा लिया। उन्होंने विभिन्न पक्षियों और जीवों पर विस्तार से प्रकाश डाला।बनर्जी ने बताया कि किस प्रकार उनके बचपन ने उन्हें प्रकृति से प्रेम करना और इसका गहन पर्यवेक्षक बनना सिखाया। वह बचपन से ही पक्षियों और जीवों को देखने, उनके व्यवहार, सौंदर्य और आपस में चर्चा करने के तरीकों का अवलोकन करने में घंटों बिताते थे। उनकी इसी रुचि ने उन्हें अपनी दिशा तय करने में मदद की।

एक प्रजेंटेशन के माध्यम से बनर्जी दर्शकों को प्रदेश के जीवंत पारिस्थितिकी तंत्रों की यात्रा पर ले गए। जिसमें उन्होंने विभिन्न तरह की पक्षी प्रजातियों जैसे कि लेसर और कॉमन केस्ट्रल, रेड-नेक्ड और पेरेग्रीन फाल्कन, मर्लिन, टैनी, स्टेपी, पूर्वी इंपीरियल और सफेद पूंछ वाला ईगल, आदि के बारे में चर्चा की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इंडियन रेगिस्तानी जर्ड, इंडियन खरगोश, इंडियन कोबरा, रॉक पायथन, बंगाल मॉनिटर, स्लॉथ बियर, इंडियन हेजहॉग और इंडियन ग्रे वुल्फ जैसे विभिन्न जीवों पर भी प्रकाश डाला। उनकी अनूठी विशेषताओं और राजस्थान के विशिष्ट क्षेत्रों के बारे में भी विस्तार से बताया, जहां वे निवास करते हैं।

बनर्जी ने जिन प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया उनमें से एक था वन्यजीव अपराध। उन्होंने कहा कि पशुओं के अवैध शिकार की जांच में विज्ञान और तकनीकी प्रगति की आवश्यकता। उन्होंने कहा कि शिकारियों के विरुद्ध दोषसिद्धि सुनिश्चित करने के लिए साक्ष्य एकत्र करना महत्वपूर्ण है, जो स्पष्ट रूप से उनके द्वारा किसी पशु को नुकसान पहुंचाने या मारने के इरादे को प्रदर्शित करते हों। वार्ता का समापन प्रश्न उत्तर सत्र के साथ हुआ।

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