राजस्थान ऊंट अधिनियम, 2015 के बनेंगे नियम

जयपुर। पशुपालन विभाग, राजस्थान ऊंट (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रव्रजन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 2015 के नियम बनाएगा। इस संबंध में पशुपालन, गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में नियम बनाने को लेकर विभाग को निर्देश दिए गए। बैठक में पंचायतीराज और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ओटाराम देवासी भी मौजूद थे।  

शासन सचिवालय में बुधवार को कुमावत के कक्ष में हुई बैठक में नए नियम बनाने को अंतिम रूप दिया गया। इसके तहत ऊंट पालकों को अन्य राज्यों में ऊंट चराने, डेयरी एवं कृषि कार्य तथा पशु मेलों में ले जाना आसान होगा। अधिनियम, 2015 के लिए नए नियम के मुताबिक ऊंट के परिवहन को लेकर जिला कलेक्टर के साथ-साथ अब सक्षम अधिकारी के रूप में एसडीएम को भी अधिकृत करने पर सहमति बनी। इस बैठक में ऊंट पालन को लाभप्रद बनाने को लेकर भी चर्चा हुई। 

पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि अन्य राज्यों में ऊंट ले जाने को लेकर आ रही दिक्कतों को लेकर चर्चा के बाद प्रशासनिक अनुमति देने के लिए एसडीएम को भी अधिकार देने पर सहमति व्यक्त की गई है। इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति के लिए नई एसओपी भी जारी की जाएगी, ताकि ऊंट पालकों को अन्य राज्यों में ऊंट ले जाने में कानूनी पेचीदगियों का सामना न करना पड़े। इसके अलावा ऊंट पालन को और अधिक लाभप्रद बनाने के लिए आरसीडीएफ के माध्यम से ऊंटनी के दूध के विपणन को लेकर कार्ययोजना बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!