मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर दिखाएंगे हरी झंडी
पहली बार एसी ट्रेन से रामेश्वरम की तीर्थ यात्रा पर जाएंगे प्रदेश के वरिष्ठ नागरिक
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर पहली बार राजस्थान के वरिष्ठ नागरिक वातानुकूलित ट्रेन से रामेश्वरम की निशुल्क तीर्थयात्रा पर रवाना होंगे। इसके लिए वातानुकूलित और राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन तैयार की गई है। राजस्थान की प्रकृति व संस्कृति के अनुरूप सुसज्जित यह ट्रेन बाहर से पैलेस ऑन व्हील्स से भी अधिक भव्य दिखेगी।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को निर्जला एकादशी पर दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस ट्रेन में सवाई माधोपुर के रास्ते रामेश्वरम, मदुरै की तीर्थ यात्रा पर दो स्टेशनों से लगभग 800 तीर्थयात्री रवाना होंगे। वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रियों के आवास, भोजन इत्यादि की समस्त व्यवस्थाएं देवस्थान विभाग द्वारा की जाएगी।
आठ दिवसीय यात्रा में यह ट्रेन रामेश्वरम में रामनाथ स्वामी ज्योतिर्लिंग, धनुषकोटि, ब्रह्मकुंड और मदुरै में प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर के दर्शन मुख्य रूप से कराएगी। देवस्थान विभाग की तीर्थयात्राओं में यह सर्वाधिक दूरी की यात्रा है। यात्रा में सभी यात्रियों की देख-रेख के लिए एक ट्रेन प्रभारी, प्रत्येक कोच में दो सरकारी कर्मचारी अनुदेशक, साथ ही एक डॉक्टर व दो नर्सिंग अधिकारी भी रहेंगे।
ट्रेन में क्या है खास
यह प्रयास किया गया है कि राजस्थानी वरिष्ठजन इस ट्रेन में सवार होकर अपनी धरती व संस्कृति पर गर्व कर सकें, साथ ही यह ट्रेन जहां जाये, वहां अन्य लोगों को भी आकर्षित कर राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा दे। राजस्थान वाहिनी भारत गौरव पर्यटक ट्रेन में कुल 14 कोच हैं, जिसमें 10 यात्री कोच हैं। राजस्थान के दुर्ग, पुरासम्पदा, मंदिर, नृत्य, वाद्य, उत्सव, कला आदि वैशिष्ट्य की थीम पर अलग-अलग डिब्बों को सजाया गया है। मरुधरा में सूर्योदय व सूर्यास्त की स्वर्णिम आभा को प्रदर्शित करने के लिए इसकी थीम में पीताभ केसरिया रंग को वरीयता दी गई है।
डिजाइन में राजस्थान के राजसी स्वरूप के साथ-साथ मंदिर व शुभत्व के विविध प्रतीकों व चिह्नों का भी प्रयोग किया गया है। डिजाइन में राजस्थान की पहचान बने पशु-पक्षियों को भी विशेष स्थान दिया गया है। इनमें गाय व ऊंट के अतिरिक्त रणथम्भौर के बाघ व तालछापर के कृष्णमृग को भी स्थान दिया गया है।
ट्रेन में एक कोच को विशेष रूप से भारतीय सेना में राजस्थान के योगदान को समर्पित किया गया है, जिसमें जैसलमेर वार म्यूजियम, तनोट बॉर्डर, महाजन (महाद्वीप की सबसे बड़ी) फायरिंग रेंज का चित्रण प्रमुख है। पैंट्री कार में राजस्थान के व्यंजनों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। केर-सांगरी, बाजरे की रोटी, राबड़ी, लस्सी, कुल्फी आदि का प्रदर्शन किया गया है। इसी प्रकार पावर कार को भी विशेष रूप से सुसज्जित किया गया है।
तीर्थयात्रियों के सुविधा के लिए एप
यात्रियों को दुर्गापुरा और सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के लिए सूचित करने के लिए पहली बार ऐप आधारित व्यवस्था भी प्रारंभ की जा रही है, ताकि समस्त प्रक्रिया त्वरित रूप में पूर्ण की जा सके। एकादशी की तिथि को शुभारंभ के समय श्रीकृष्ण रास के साथ कार्यक्रम संचालन होगा व प्रत्येक तीर्थयात्री को तुलसी माला व पटवस्त्र देकर विदा किया जाएगा।