राजस्थान पुलिस का साइबर अपराध पर नकेल

हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क और नए व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर शुरू

डिजिटलीकरण के दौर में बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए एक बड़ा कदम, धोखाधड़ी का शिकार हुए तो तुरंत मिलेगी मदद

जयपुर। डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों के बीच राजस्थान पुलिस ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। महानिदेशक पुलिस राजस्थान डॉ रविप्रकाश मेहरड़ा के मार्गदर्शन में अब राज्य के प्रत्येक पुलिस थाने में एक विशेष साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है।

महानिरीक्षक पुलिस एससीआरबी शरत कविराज ने बताया कि राजस्थान पुलिस ने साइबर डेस्क की स्थापना के अतिरिक्त साइबर अपराध की सूचना देने और त्वरित मदद पाने के लिए दो साइबर क्राइम हेल्पलाइन व्हाट्सएप नंबर 9256001930 और 9257510100 भी जारी किए गए हैं। अब साइबर धोखाधड़ी या अन्य किसी भी डिजिटल अपराध का शिकार होने पर मदद बस एक कॉल या मैसेज दूर है।

क्या है साइबर हेल्प डेस्क और कैसे मिलेगा आपको सीधा लाभ 

पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम शान्तनु कुमार सिंह ने बताया कि ये साइबर हेल्प डेस्क सिर्फ नाम के लिए नहीं हैं बल्कि ये कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगे जो सीधे आम जनता को फायदा पहुंचाएंगी

आपकी शिकायत पर तत्काल सुनवाई: साइबर वित्तीय धोखाधड़ी, सोशल मीडिया से संबंधित अपराध या किसी भी साइबर समस्या पर आपकी शिकायत सुनी जाएगी और तुरंत कार्रवाई होगी।

धोखाधड़ी में फंसे पैसे वापस पाने में मदद : अगर आप वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो हेल्प डेस्क आपको साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत दर्ज करने में मदद करेगा। वे सुनिश्चित करेंगे कि आपके क्रेडिट-डेबिट कार्ड नंबर, खाता संख्या, लेनदेन आईडी और अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी सही-सही दर्ज हो ताकि आपके पैसे वापस आने की संभावना बढ़ सके।

संदिग्ध नंबरों को ब्लॉक करना: वित्तीय साइबर अपराधों में इस्तेमाल होने वाले किसी भी संदिग्ध मोबाइल नंबर या IMEI नंबर को साइबर पुलिस पोर्टल (www.cyberpolice.nic.in) के जरिए ब्लॉक करवाने में आपकी मदद की जाएगी।

गुम हुए मोबाइल की वापसी में सहायता: मोबाइल फोन गुम होने पर, हेल्प डेस्क आपको राजस्थान पुलिस वेबसाइट (police.rajasthan.gov.in) पर ऑनलाइन या ऑफलाइन रिपोर्ट दर्ज करने और फिर CEIR पोर्टल (ceir.gov.in) पर डिवाइस को ब्लॉक व रिपोर्ट करने में पूरा सहयोग देगा।

नेशनल हेल्पलाइन से जुड़े लाभ: नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से फ्रीज की गई धनराशि को आपके बैंक खाते में वापस दिलाने की प्रक्रिया में ‘साइबर हेल्प डेस्क’ आपकी पूरी सहायता करेगा। यह सब भारत सरकार के दिशानिर्देशों और न्यायालय निर्णयों के अनुसार होगा।

फर्जी सोशल मीडिया खातों पर लगाम: फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) जैसे किसी भी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट की रिपोर्ट करने या उन्हें बंद करवाने की कार्रवाई में आपको पूरा सहयोग मिलेगा।

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