हेलीकॉप्टर पर्यटन, धार्मिक यात्रा, जॉय राइड जैसी सेवाओं की योजना प्रस्तावित, सी-प्लेन सेवाओं के लिए भी राजस्थान संभावनाशील राज्य : नागरिक उड्डयन मंत्री
जयपुर। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। क्षेत्रीय हवाई संपर्क (आरसीएस) उड़ानों के लिए विमान ईंधन पर वैट को 26 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण तथा किशनगढ़ हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार के लिए नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि उपलब्ध करवाई गई है। साथ ही, उदयपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार तथा उत्तरलाई (बाड़मेर) में सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए भी नि:शुल्क एवं बाधामुक्त भूमि आवंटन प्रक्रियाधीन है।
दक ने शुक्रवार को देहरादून में आयोजित उत्तरी क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, औद्योगिक क्षेत्र और शैक्षिक संस्थान बड़ी संख्या में हैं, जिसके दृष्टिगत क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना राज्य के लिए अत्यंत महत्पूर्ण है। नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राज्य में तीन हवाई अड्डों से आरसीएस उड़ाने संचालित हैं। राज्य सरकार ने माउंट आबू, सीकर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और श्रीगंगानगर जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को भी इस योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है। इससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे। साथ ही, बीकानेर, जोधपुर और किशनगढ़ से मुम्बई, कोलकाता, सूरत और बेंगलुरू जैसे महानगरों के लिए नियमित उड़ानें शुरु किए जाने का भी केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की 19 हवाई पट्टियां हैं, जिनकी लम्बाई 3,300 फीट से लेकर 9,800 फीट तक है। इन हवाई पट्टियों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे- फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन, एयर स्पोर्ट्स एवं एमआरओ संचालन आदि के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का सफल आयोजन किया गया है। साथ ही, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम (रिप्स) में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। दक ने बताया कि किशनगढ़ में एक एफटीओ कार्यरत है, भीलवाड़ा में अगस्त, 2025 से नया एफटीओ शुरू होगा। निवेशकों से अब तक 10 से अधिक एमओयू किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 1500 करोड़ रुपए का निवेश संभावित है।