जयपुर। गोविन्द देवजी मंदिर प्रांगण में रविवार को श्राद्ध पक्ष एवं चन्द्रग्रहण के उपलक्ष्य में पंचकुंडीय पितृ तृप्ति गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में लगभग 200 श्रद्धालुओं ने तीन पारियों में अपने पितरों की स्मृति में काले तिल, जो, चावल और घृत से आहुतियां अर्पित कीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ ठाकुर श्री गोविन्द देवजी, वेदमाता गायत्री एवं गुरुसत्ता के पूजन से हुआ। यज्ञ का संचालन आचार्य पीठ के विद्वानों एवं प्रज्ञा गीतों के माध्यम से हुआ। प्रवचन में डॉ. अजय भारद्वाज ने कहा कि पितर हमारे अदृश्य सहायक हैं, जिनकी कृपा से जीवन में प्रगति, शांति और सद्भाव संभव हैं। उन्होंने बताया कि पितरों को केवल कर्मकांड से नहीं, बल्कि सदाचार, सेवा और श्रेष्ठ परंपराओं को आगे बढ़ाने से भी तृप्त किया जा सकता है।
विशेष रूप से भारतीय श्रद्धालुओं के साथ एक विदेशी दंपति ने भी यज्ञ में भाग लिया और अग्नि में आहुतियां अर्पित कर अपने पितरों को स्मरण किया। कार्यक्रम में जन्मदिन मनाने वाले श्रद्धालुओं ने पंचतत्व पूजन के साथ संकल्प लिया कि वे जूठन नहीं छोड़ेंगे, एक पेड़ अवश्य लगाएंगे और मोबाइल का अत्यधिक उपयोग नहीं करेंगे।
मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को ठाकुर श्री गोविन्द देवजी का चित्र, प्रसाद और सत्साहित्य प्रदान किया गया। आगामी रविवार, 14 सितम्बर को पुनः पितृ पुष्टि पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ निशुल्क आयोजित होगा।
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