जयपुर। जयपुर के गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ को अपनी मूर्ति कला के माध्यम से सारे दृश्य को बड़े बारिकी से दर्शाया है। यह चिकनी मिट्टी से बनाई गई है और इसकी ऊंचाई 16 इंच है।
नवरत्न ने बताया है कि समुद्र मंथन से कलश से अमृत की कुछ बूंदे अलग-अलग जगह गिरी थी। इसी प्रकार मैंने भी मूर्ति में एक कलश से अमृत की धारा को बहते हुए दिखाया है। इस अमृत धारा में स्नान करने के लिए दूर-दूर से साधु संत, ऋषि मुनि, महात्मा, नागा साधु, अघोरी बाबा, इत्यादि महाकुंभ में आ रहे हैं।
इस मूर्ति में एक किताब भी बताई गई है। जिसमें एक अघोरी साधु बैठा हुआ है। इसका अर्थ है कि इस में ज्ञान से भरे, बड़े बड़े साधु जो पहाड़ों में, गुफाओं में,जंगलों में तपस्या करते हैं। यह भी यहां कुंभ में देखने को मिलते हैं। इससे पहले नवरत्न प्रजापति ने पेंसिल की नोक पर 1.3 सेंटीमीटर के प्रभु राम जी की मूर्ति बनाई थी जो सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी।