मध्य प्रदेश बना विश्व पर्यटन का नया केंद्र ‘हिंदुस्तान के दिल’ में है संस्कृति, प्रकृति और अनुभवों की समृद्ध विरासत : बिदिशा मुखर्जी

राजस्थान व मध्य प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर

मध्य प्रदेश में सब कुछ जो दिल चाहे, धार्मिक स्थलों से लेकर वाइल्डलाइफ, हेरिटेज और फिल्म टूरिज्म तक, हर रुचि के लिए कुछ खास

जयपुर। मध्य प्रदेश अब केवल ‘हिंदुस्तान का दिल’ नहीं, बल्कि विश्व पर्यटन का उभरता हुआ सितारा बन चुका है। इस बात की झलक शुक्रवार को जयपुर के जय महल होटल में आयोजित एमपी टूरिज्म रोड शो में देखने को मिली, जहां पर्यटन उद्योग के दिग्गजों, टूर ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों, फिल्म निर्माताओं और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का उद्देश्य राजस्थान और मध्य प्रदेश के पर्यटन स्टेकहोल्डर्स के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देना था। साथ ही, आगामी मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट (अक्टूबर 2025) और रीवा, ग्वालियर, इंदौर में होने वाले रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों का पूर्वावलोकन भी इसमें हुआ।

एमपी टूरिज्म बोर्ड की अपर प्रबंध संचालक बिदिशा मुखर्जी ने कहा कि मध्य प्रदेश केवल स्थान नहीं, बल्कि अनुभव है। यहां संस्कृति है, इतिहास है, प्राकृतिक सौंदर्य है और वह सब कुछ है जो एक पर्यटक चाहता है। उन्होंने बताया कि राज्य में पर्यटन को केवल दृश्य स्थलों तक सीमित न रखकर खानपान, लोक कला और जीवनशैली को भी पर्यटन का हिस्सा बनाया जा रहा है।

धरोहर और विरासत का खजाना

कार्यक्रम में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मध्य प्रदेश की धार्मिक, ऐतिहासिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई। 2024 में राज्य में 13.41 करोड़ पर्यटक पहुंचे। महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और अमरकंटक जैसे तीर्थ स्थल विशेष आकर्षण का केंद्र बने।

राज्य में 18 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (3 स्थायी, 15 प्रस्तावित) हैं, जो भारत की कुल धरोहरों का 25% हैं। वहीं, भगोरिया आदिवासी नृत्य, गोंड चित्रकला और नर्मदा परिक्रमा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है।

प्रकृति और वन्यजीवन का अद्वितीय संगम

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट, चीता स्टेट, घड़ियाल स्टेट जैसे उपनामों से भी जाना जाता है। आगामी महीनों में राज्य में गांधीसागर, कूनो और चंदेरी ईको फॉरेस्ट फेस्टिवल्स का आयोजन पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ने वाला अनूठा प्रयास होगा।

फिल्म पर्यटन का हब बनता मध्य प्रदेश

फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी एमपी ने अपनी खास जगह बनाई है। स्त्री, सुई धागा, पंचायत, कोटा फैक्ट्री जैसी चर्चित फिल्मों की शूटिंग यहां हुई है। 400 से अधिक फिल्म प्रोजेक्ट्स की शूटिंग के साथ प्रदेश को भारत सरकार द्वारा “मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट (2017-2020) का खिताब मिल चुका है।

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