जल झूलनी एकादशी पर जलाशय एवं 385 बांधों पर हुआ जल महोत्सव

जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में व्यर्थ बहकर जाने वाले जल से बाढ़ सुरक्षा प्रबंधन के साथ-साथ जल के सदुपयोग के लिए रन ऑफ वाटर ग्रिड की स्थापना की जाएगी। इस कार्य पर 30000 करोड़ रुपए व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं जल का सदुपयोग करना हम सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की के नेतृत्व वाली हमारी सरकार ने इस पर कार्य करना शुरु कर दिया है।

रावत शनिवार को प्रदेश भर में आयोजित राजस्थान जल महोत्सव के तहत जयपुर जिले के नेवटा में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल झूलनी एकादशी के दिन पूरे राज्य में ग्राम पंचायत, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर आयोजित राजस्थान जल महोत्सव कार्यक्रम के आयोजन के माध्यम से जल के महत्व एवं जल संरक्षण पर जागरूकता से जन-जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रदेश के पूर्ण भरे जलाशयों एवं 385 बांधों पर जल महोत्सव का आयोजन किया गया। जहां बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधियों एवं आमजन ने भाग लिया तथा जल देवता की पूजा अर्चना की।

21 जिलों में सिंचाई एवं पेयजल के लिए उपयोग में लाया जाएगा जल

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने किसानों एवं आमजन के लिए सिंचाई एवं पेयजल को प्राथमिकता देते हुए ईआरसीपी जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू किया है। इसमें पार्वती- कालीसिंध – चंबल नदी के अधिशेष जल को प्रदेश के 21 जिलों में सिंचाई एवं पेयजल के लिए उपयोग में लाया जाएगा। वहीं शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल को लाने के लिए कार्य भी शुरू किया गया है। ईआरसीपी से जयपुर जिला भी जुड़ेगा, इसका लाभ यहां की जनता को भी मिलेगा।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इस वर्ष अच्छे मानसून के कारण प्रदेश के बांध कुल भराव क्षमता के 84.88 प्रतिशत तक भर चुके हैं, 385 बांध पूर्ण भर और ओवरफ्लो हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सामान्य से 63.71 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। रावत ने इससे पहले नेवटा गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक किया तथा कलश पूजन कर गांव की महिलाओं को कलश देकर मंदिर से नेवटा बांध तक कलश यात्रा को रवाना किया।

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