जयपुर। मैं हिन्दू हूं और एक दिन राम मंदिर जरूर जाऊंगा।लेकिन ऐसे आयोजनों में नहीं जाउंगा जिसे राजनीतिक रूप दे दिया जाए। ये मुझे तय करना है कि मुझे राममंदिर कब जाना है। पार्टी तय नहीं करती कि मैं क्या विश्वास करूं और मुझे कैसे पूजा करनी है। ऐसा कोई भी पार्टी तय नहीं करती। ये कहना था जेएलएफ में शिरकत करने आए सांसद और लेखक शशि थरूर का।
उन्होंने रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कुंभ जाने के लिए सोचा था। एक मंत्री ने मुझे कुंभ में आने का निमंत्रण भी दिया था, परंतु मैंने सोचा कि अगर मैं वहां गया, तो मुझे वीआईपी ट्रीटमेंट और पीएसओ मिलेगा। इससे वहां आने वाले आम लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और लोग परेशान होंगे। इसलिए मेरा जाना उचित नहीं है।
सांसद शशि थरूर ने कहा कि मीडिल क्लास के लिए बजट में सब कुछ है, लेकिन गरीब तबकों को इसमें नजर अंदाज किया गया है। सरकार निवेश की बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, लेकिन देश से विदेशी इंवेस्टर्स जा रहे हैं। ऐसे में सरकार को सोचने की जरूरत है कि क्या कारण हैं कि निवेशक यहां से जा रहे हैं। मैंने बजट में बेरोजगारी के लिए कुछ नहीं सुना। आम जरूरत की चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। इस समय सरकार का ध्यान केवल पब्लिसिटी पर है। हां सरकार ने डिफेंस का बजट बढ़ाया है। जो अच्छी बात है। हर देश अपनी सैनिक ताकत बढ़ाने के लिए रक्षा उपकरणों पर खर्चा करता है। देश में मिलिट्री ऑफिसर्स की कमी है। इस ओर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है। सरकार की ओर से शिक्षा पर नारा तो दिया जाता है, लेकिन इसके लिए बजट में कुछ नहीं दिया जाता।