जीआईटीबी का पावर पैक्ड बी2बी मीटिंग्स के साथ हुआ आगाज

53 देशों के 270 विदेशी टूर ऑपरेटर्स के साथ-साथ 11 राज्यों के राज्य पर्यटन बोर्ड के प्रतिनिधि शामिल

जयपुर। ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (जीआईटीबी) के 14वें संस्करण के दूसरे दिन सीतापुरा स्थित नोवोटेल जयपुर कन्वेंशन सेंटर में एग्जीबिशन की रिबन कटिंग सेरेमनी के साथ भव्य शुरुआत हुई। ओडिशा की उपमुख्यमंत्री, प्रावती परिदा; भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव एवं पर्यटन महानिदेशक, सुमन बिल्ला और फिक्की की पूर्व अध्यक्ष एवं ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की सीएमडी, डॉ. ज्योत्सना सूरी ने एग्जीबिशन का उद्घाटन किया। इस पूरे दिन के दौरान बायर्स और सैलर्स के बीच पूर्व निर्धारित बी2बी बैठकों का सिलसिला उत्साहपूर्वक चला।

इस इंटरनेशनल मार्ट का आयोजन पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार; पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा किया जा रहा है। इस आयोजन को होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (एचआरएआर), इंडियन हेरिटेज होटल्स एसोसिएशन (आईएचएचए) और राजस्थान एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (राटो) जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और क्षेत्रीय एसोसिशंस का सहयोग प्राप्त है।

इस आयोजन में 53 देशों से आए कुल 270 फॉरेन टूर ऑपरेटर्स (एफटीओ) और 11 राज्यों के पर्यटन बोर्ड प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। भाग लेने वाले राज्यों में राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, अंडमान और निकोबार, गुजरात, तमिलनाडु के साथ-साथ दिल्ली भी शामिल है।

मार्ट के दौरान, राजस्थान पेविलियन कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण बनकर उभरा। अपनी भव्यता, कलात्मक प्रस्तुति और भावनात्मक रूप से जुड़ाव पैदा करने वाले अनुभव के साथ इस पेविलियन ने राजस्थान के पर्यटन की विविधताओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। शेखावाटी की बारीक चित्रकारी से सजी हवेलियों से लेकर कोटा रिवर फ्रंट की आधुनिक भव्यता, रणथंभौर नेशनल पार्क का रोमांच, जोधपुर के उम्मैद भवन पैलेस की शाही आभा और पैलेस ऑन व्हील्स के राजसी अनुभव तक राजस्थान के हर पहलू को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया।

इसी प्रकार, ओडिशा राज्य का स्टॉल भी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रभावी रूप से प्रदर्शित कर रहा है। यहां पारंपरिक व्यंजनों, ओडिशी और संबलपुरी जैसे आकर्षक लोकनृत्य, तथा राज्य की पहचान बने कलात्मक प्रतीकों से सजे भव्य सजावट के माध्यम से ओडिशा की संस्कृति को प्रस्तुत किया गया है।

पहली बार, केरल स्थित आयुर्वेद प्रमोशन सोसायटी का स्टॉल भी एग्जीबिशन में शामिल हुआ है। यह सोसायटी पूरे भारत में आयुर्वेद के लाभों और जागरूकता को फैलाने के लिए समर्पित है। शिक्षा और जनसंपर्क पर विशेष ध्यान देते हुए, सोसायटी के प्रतिनिधि आयुर्वेद के सिद्धांतों और जीवनशैली को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे देश में वेलनेस टूरिज़्म को और अधिक मजबूती मिल रही है।

एग्जीबिशन में राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाते हुए पारंपरिक लोक संगीत की सजीव ध्वनियों ने समा बांध दिया। रावणहत्था, मोरचंग, कमायचा और ढोलक जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों पर कलाकारों की प्रस्तुति ने आयोजन को ऊर्जा और प्रामाणिकता से भर दिया। राजस्थानी लोक संगीत की सुरमयी धुनों ने वहां उपस्थित विदेशी डेलिगेट्स मंत्रमुग्ध और आनंदित दिखाई दिए। वे उत्साहपूर्वक रुककर इस सांस्कृतिक नज़ारे को न सिर्फ सराहते दिखे, बल्कि उसकी तस्वीरें लेते और उसमें पूरी तरह खोए नजर आए।

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