जयपुर। पर्यावरण एवं वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि वनरक्षकों के लिए वन एवं वन्यजीव की रक्षा करना एक चुनौती का कार्य हैं। जिसे उन्हें पूर्ण निष्ठा एवं सजगता से करना होगा।
संजय शर्मा बुधवार को गांडिव स्टेडियम, आर्मी कैंटोनमेंट जयपुर में राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान जयपुर द्वारा आयोजित 120 वें वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण सत्र के 972 वनरक्षकों द्वारा प्रस्तुत सामूहिक पासिंग आउट परेड एवं दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री संजय शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वृक्षारोपण को एक जन अभियान बनाने के लिए ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान से प्रेरणा लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मिशन हरियालो के तहत प्रदेश भर में 7 करोड़ पौधे लगाए गए तथा बजट वर्ष 2025-26 की घोषणा की अनुपालना में इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही 1750 वनरक्षकों के पदों का सृजन भी किया गया है।

वन एवं पर्यावरण मंत्री ने वनरक्षक प्रशिक्षुकों को पासिंग परेड की बधाई व शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर कहा कि दीक्षांत परेड के सहभागी प्रशिक्षणार्थियों के करियर का नया अध्याय प्रारम्भ हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से तकनीकी कुशलता, प्रक्रियागत एवं कानूनी जानकारी के साथ टीम भावना का विकास होता है। यह प्रशिक्षण प्रशिक्षुओं के जीवन का मुख्य पड़ाव साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह नौकरी ही नहीं बल्कि प्रकृति के प्रति ट्रस्टी के रूप में कार्य करने का महान अवसर है।
इस मौक़े पर बोलते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) अरिजीत बनर्जी ने कहा कि वन विभाग पब्लिक डीलिंग वाला विभाग वाला विभाग है, ऐसे में वनरक्षकों की महती जिम्मेदारी बन जाती है कि वे आमजन के हित में विनम्रता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि वनरक्षक राज्य के वन एवं वन्यजीवों की रक्षा करें औऱ कुशलता पूर्वक कार्य करके विश्व भर में देश एवं राज्य का गौरव बढ़ाएं।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशिक्षण, श्रम एवं विधि) वेंकटेश शर्मा ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों एवं वनरक्षकों के परिवारजनों का स्वागत करते हुए कहा कि वनरक्षकों को अनुशासन के साथ प्रशिक्षण दिया गया है। जिससे एवं वन्यजीवों के संरक्षण में आने वाली चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला करते हुए अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर सकेंगे
राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान निदेशक शैलजा देवल ने कहा कि RFWTI ने इस वर्ष विभिन्न 18 सेटेलाइट प्रशिक्षण केन्द्रो पर 119 वां एवं 120वाँ वनरक्षक आधारभूत प्रशिक्षण संचालित किया। उक्त प्रशिक्षण अजमेर, जोधपुर, भरतपुर, अलवर, कोटा, उदयपुर और बीकानेर केंद्रों पर 963 वनरक्षकों को 4 माह का प्रशिक्षण दिया गया है, जो कि वन विभाग के पहली बार हुआ हैं। उन्होंने सभी विभागों और
इस अवसर पर प्रशिक्षण सत्र मे टॉपर रहे वरक्षकों को शील्ड एवं मैडल देकर सम्मानित किया गया। वन रक्षकों द्वारा रोमांचक कमांडो कॉम्बैट कार्यवाही का प्रदर्शन भी किया गया।
इस दौरान ब्रिगेडियर श्री विक्रम सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशासन) पवन कुमार उपाध्याय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक शिखा मेहरा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य, आयोजना एवं वन बंदोबस्त) अनुराग भारद्वाज, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक केसीए अरुण प्रसाद, मुख्य वन संरक्षक राजीव चतुर्वेदी सहित वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी, प्रशिक्षणार्थियों के परिजन उपस्थित रहे।