एनएक्सआर जयपुर। बाल श्रम की रोकथाम के लिए पुलिस, जिला प्रशासन, बाल संरक्षण ईकाई और बाल श्रम से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर प्रभावी कार्यवाही करें। यह कहना है जिला कलक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी का। डॉ. सोनी ने यह बात सोमवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
बैठक में जिला कलक्टर ने बाल कल्याण समिति को पीड़ित प्रतिकर के मामलों त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। साथ ही बाल श्रम से मुक्त करवाए गए नाबालिकों को खुले सुधार गृह से उनके संबंधित राज्य के सुधार गृह में भेजने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिले में संचालित बाल देखरेख गृह संस्थानों में रह रहे बच्चों की चिकित्सकीय जांच करने के निर्देश दिए।
बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए श्रम निरीक्षक सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी फैक्ट्रियों, कारखानों, ढ़ाबों, होटलों सहित अन्य प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण करें। साथ उन्होंने विद्यालयों के समीप मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए सघन अभियान शुरू करने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों एवं नियोजकों की पहचान, संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने सहित हर महीने दर्ज प्रकरणों की सूचना श्रम विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बैठक में बाल श्रम रोकथाम में बाल कल्याण समिति की भूमिका एवं बाल श्रमिकों का संरक्षण व गृह स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था, उनके पुनर्वास सहित कई बिंदुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (उत्तर) मुकेश कुमार मूंड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल कल्याण समिति के सदस्य, चाइल्ड हेल्पलाइन, किशोर न्यायालय बोर्ड, बाल श्रम निवारण से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।