जयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे वंदे गंगा: जल संरक्षण जन अभियान को लेकर जोधपुर के धर्मगुरु अचलानंद गिरी सैनाचार्य ने सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए भावपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और राजस्थान सरकार ने गंगा और जल संरक्षण के लिए जो कुओं, बावड़ियों, तालाबों की सफाई, जल को बचाने और पौधे लगाने का जो कार्य आरंभ किया है, वह वास्तव में वही है जिसे हम संत परंपरा में युगों से करते आए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे गांवों में लोग खुद माटी खोदकर तालाब बनाते रहे हैं, उन्हें स्वच्छ रखते आए हैं, यह परंपरा अब सरकार द्वारा अभियान के रूप में अपनाई गई है, जो स्वागत योग्य है। उन्होंने सभी से इस अभियान में तन-मन-धन से भाग लेंने का आग्रह किया।
अचलानंद गिरी सैनाचार्य ने विशेष रूप से पचपदरा, बालोतरा और जोधपुर क्षेत्र में चल रही जल-संरक्षण गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जोधपुर में कई भामाशाह और संस्थाएं इस पुनीत कार्य में जुट चुकी हैं। उन्होंने धन्यवाद देते हुए सभी से निवेदन किया कि अपने क्षेत्र के पुराने कुएं, बावड़ियां, तालाब और टांके स्वच्छ रखें, उन्हें बचाएं। उन्होंने बताया कि यह केवल पर्यावरण या सरकार का नहीं, अपितु मानव जीवन की रक्षा का कार्य है।
उन्होंने पौधे लगाने, प्रकृति के शुद्ध वातावरण के लिए प्रयास करने, जंगली जानवरों के लिए खेलियां बनाने और पौधारोपण को अत्यंत आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल भौतिक ही नहीं अपितु आध्यात्मिक दायित्व भी है।