आईपीएल में जितने रन बनेंगे उतने लगाए जाएंगे पेड़- शासन सचिव युवा मामले एवं खेल विभाग
बेहतर भविष्य के सृजन लिए एसडीजी के लक्ष्य हो समय से पहले पूर्ण : शैलजा देवल
जयपुर। राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान की निदेशक शैलजा देवल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2030 तक गरीबी, भुखमरी और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों को कम करने के लिए 17 सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इन लक्ष्यों को हमे समय से पहले पूर्ण करना होगा जिसमें हम आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य का सृजन कर सकेंगे।
शैलजा देवल के मुख्य आतिथ्य में राजस्थान वानिकी एवं वन्यजीव प्रशिक्षण संस्थान (आरएफडब्ल्यूटीआई), जयपुर एवं कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय, जयपुर के संयुक्त तत्वाधान से सतत विकास लक्ष्य: एक सामूहिक जिम्मेदारी विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में मंगलवार को आयोजन किया गया।

देवल ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य (SDGs) के 5P(pillars) हैं, जो लोग (People), ग्रह (Planet), समृद्धि (Prosperity), शांति (Peace) और भागीदारी (Partnership) एजेंडा के 5 स्तंभों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि 5P के माध्यम से गरीबी, भुखमरी, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता को कम करने और सतत विकास करने के के लिए मिलकर काम करना होगा।
इस बार बनेगा ग्रीन आईपीएल
इस दौरान युवा मामले एवं खेल विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज के पवन ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार ग्रीन आईपीएल बनाया जाएगा। जिसमें जयपुर में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन पर जितने रन बनेंगे हम उतने पेड़ स्टेडियम में लगाएंगे। साथ ही इस दौरान जितने सेलिब्रिटी प्रदेश में आएंगे उनसे एक पेड़ माँ के नाम भी पेड़ लगाया जाएगा। उन्होंने मोबाइल और लैपटॉप के रीसायकल के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की।
महाविद्यालय निदेशक डॉ. रश्मि चतुर्वेदी ने कहा सतत विकास के लिए आवश्यक है कि मानव मन के लालच पर नियंत्रण रखें।महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल ने 17 सतत विकास लक्ष्यों के बारे में बात करते हुए कहा कि इन्हें प्राप्त करने के लिए सभी की सहभागिता की आवश्यकता है।
इस अवसर पर पार्षद, नगर निगम जितेंद्र श्रीमाली, उप-प्राचार्य डॉ. रंजना अग्रवाल, संगोष्ठी सचिव डॉ. रितु जैन, डॉ. सीमा अग्रवाल, मुकेश गुप्ता, प्रो. निवेदिता कौल, ऋचा सिंघी और निमिषा जैन, वन विभाग कर्मचारी, विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद, विद्यार्थी उपस्थित रहे।