लोककलाओं और सांस्कृतिक विरासत ने मोहा मन
दौसा। ऐतिहासिक चांदबावड़ी परिसर में आयोजित दो दिवसीय आभानेरी उत्सव का शुभारंभ शनिवार को उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की मौजूदगी से हुआ। पारंपरिक लोक कलाकारों ने उनका स्वागत किया और विविधतापूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम में उत्साह और रंग भर दिए। देश-विदेश से आए पर्यटकों की उपस्थिति ने आयोजन की भव्यता को और बढ़ा दिया।
राजस्थान की आत्मा है अतिथि सत्कार और लोक संस्कृति
विश्व पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान अपनी अतिथि सत्कार की परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और लोककलाओं के लिए विश्वभर में विख्यात है। यहां मेहमान को भगवान का दर्जा दिया जाता है, यही हमारी संस्कृति की आत्मा है। उन्होंने बताया कि आभानेरी उत्सव लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने के साथ-साथ प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती देता है।
विरासत संरक्षण और स्वदेशी पर जोर
दिया कुमारी ने चांदबावड़ी का अवलोकन किया और अधिकारियों को इसके संरक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक स्थलों का प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी धरोहर से जुड़ी रहें। उन्होंने सभी से अपील की कि विदेशी वस्तुओं की बजाय स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें, ताकि आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिले और रोजगार को बढ़ावा मिले।
पूजा-अर्चना और दीप निर्माण
इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने हर्षद माता मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। साथ ही, उन्होंने स्वयं मिट्टी के दीये बनाकर दिवाली की अग्रिम शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में बांदीकुई विधायक भागचंद सैनी, जिला अध्यक्ष लक्ष्मी रेला, मंडल अध्यक्ष धर्म सिंह बेरवा, महिपाल सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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