बीसलपुर, कोटा बैराज ओवरफ्लो, राज्य में कई निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति
गुरूवार को अजमेर, जयपुर, बीकानेर व जोधपुर संभाग के कुछ भागों में भारी व कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने व कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना, आम जन से चौकस रहने की अपील
जयपुर। राज्य के आपदा प्रबंधन और राहत विभाग के अधिकारियों ने आम जन को मानसून जनित हादसों से सुरक्षित रखने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसमें विभिन्न विभागों के ग्राम स्तरीय अधिकारियों तक को अलर्ट मोड पर रखकर समन्वय से कार्य करना, आमजन को जागरूक व सतर्क रखने के प्रयास शामिल हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान को समय रहते आमजन तक पहुंचाया जा रहा है ताकि समय पर वे सुरक्षित इलाकों में पहुंच जाए।
इस बीच मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि गुरूवार को अजमेर, जयपुर, बीकानेर व जोधपुर संभाग के कुछ भागों में भारी व कहीं-कहीं अति भारी बारिश होने व कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में कहीं-कहीं मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। दक्षिण-पूर्वी भागों में 1 अगस्त से भारी बारिश से सामान्य होने की संभावना है। शेखावाटी क्षेत्र व बीकानेर संभाग के कुछ भागों में भी 1 अगस्त को कहीं-कहीं भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने की प्रबल संभावना है। राज्य में 2 अगस्त से वर्षा सामान्य रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटे में सवाईमाधोपुर, बारां और टोंक के कई स्थानों पर 150 मिलीमीटर से भी ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है।
बीसलपुर, कोटा बैराज ओवरफ्लो, चम्बल ने कई जिलों में खतरे के निशान को पार किया, निचले इलाकों में जल भराव की स्थिति।
टोंक के बीसलपुर बांध के 3 गेट खोले गए हैं। प्रत्येक गेट 1 मीटर तक खोला गया है तथा 18030 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। धौलपुर में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से 9.36 मीटर ऊपर 140.15 मीटर दर्ज किया गया है।
करौली के मंडरायल तहसील में चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 165.0 मीटर से 2.25 मीटर ऊपर 167.25 मीटर दर्ज किया गया है।
सवाई माधोपुर में के चंबल नदी का जल स्तर खतरे के निशान 192.0 मीटर से 5.12 मीटर ऊपर 197.12 मीटर दर्ज किया गया है।
कोटा में पार्वती नदी का जल स्तर खतरे के निशान 2020 मीटर से 3.35 मीटर ऊपर 205.35 मीटर दर्ज किया गया है।
कोटा में कोटा बैराज के गेट नं. 8 व 9 को 16 फीट तक खोला गया है जिससे 19236 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है।
कोटा जिले में एनडीआरएफ की 1 टीम, एसडीआरएफ की 3 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
धौलपुर जिले में एनडीआरएफ की एक, एसडीआरएफ की 4 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
करौली में एसडीआरएफ की 2 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
जिला सवाई माधोपुर में एसडीआरएफ की 2 टीम एवं नागरिक सुरक्षा की 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है।
टोंक में एसडीआरएफ की 3 टीम एवं नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवकों को तैनात किया जा चुका है। वर्तमान में मानसून की स्थिति को देखते हुए कमाण्डेंट एनडीआरएफ, वडोदरा से 2 टीमों की अतिरिक्त मांग की गई है जिसे एनडीआरएफ मुख्यालय किशनगढ़, जिला अजमेर एवं जिला मुख्यालय, कोटा में तैनात किया गया है।
आपदा प्रबंधन और राहत विभाग ने अतिवृष्टिजनित हादसों की पूर्व रोकथाम के लिए दुर्घटना संभावित स्थानों की पहचान कर सूचना बोर्ड लगाने और स्थानीय नागरिकों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
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