कैप्टिव-ब्रीड ग्रेट इंडियन बस्टर्ड चूजे का जन्म: जैव संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि

भारत को जैव विविधता संरक्षण में बड़ी सफलता

जैसलमेर। भारत में जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) संरक्षण परियोजना के तहत 12 फरवरी को चार वर्षीय मादा ‘रीवा’ ने एक अंडा दिया, जो कृत्रिम रूप से प्रोजेक्ट GIB टीम द्वारा निकाला गया।

मादा पक्षी ‘रीवा’ ने जैसलमेर स्थित सम सेंटर में नर पक्षी ‘लियो’ के साथ मेटिंग की थी। GIB टीम के वैज्ञानिकों और वन्यजीव विशेषज्ञों ने अत्यंत सावधानी और तकनीकी कुशलता से इस अंडे को निकाला और सुरक्षित वातावरण में उसका संरक्षण सुनिश्चित किया।

यह प्रयास जैविक विविधता के संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ये जानकारी अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर साझा की है। उन्होंने लिखा कि 2025 के पहले कैप्टिव-ब्रीड जीआईबी चूजे की खबर साझा करते हुए हर्ष हो रहा है। इस प्रयास को संभव बनाने के लिए निरंतर परिश्रम करने वाले सभी सहयोगियों को हार्दिक बधाई।

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