जयपुर। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित राजभाषा विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह में राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से प्रदेश के हस्तशिल्प और हस्तकरघा उत्पादों के प्रदर्शन को लेकर स्टॉल्स लगाई गई।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की ओर से राज्य में चल रही एक जिला एक उत्पाद योजना को प्रमोट करने और हस्तशिल्पियों को वैश्विक बाजार मुहैया कराने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किए गए और यहां से विशेष तौर पर चार हस्तशिल्पियों को राजभाषा प्रदर्शनी में आमंत्रित ऑटिजन के तौर पर भिजवाया गया।
जिला महाप्रबंधक शिल्पी पुरोहित ने बताया कि पिछले दिनों राजभाषा मंत्रालय से प्रतिनिधियों का दल जयपुर भ्रमण पर आया था उस दौरान प्रतिनिधिमंडल से संपर्क कर उन्हें राजस्थान की कला, संस्कृति और यहां के हस्तशिल्प उत्पाद तथा राज्य सरकार की नई नीतियों के संबंध में परिचय करवाया गया। प्रतिनिधी मंडल ने भविष्य में होने वाले प्रदर्शनी और मेलों में राज्य सरकार को भी विशेष तौर पर आमंत्रित करने का आश्वासन दिया था।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिला उद्योग एवं वाणिज्य अधिकारी कविता घोंसल्या लगातार मंत्रालय के संपर्क में रही और इस प्रदर्शनी में राजस्थान को सम्मिलित करवाने में सफल रही। राजस्थान एकमात्र प्रदेश रहा जिसके हस्तशिल्पियों को राज्य सरकार प्रयासों से स्टॉल आवंटित हुई।
प्रदर्शनी में भाग लेने गई प्रदेश के आर्टिजंस जयपुरी कपड़े और चद्दरों को लेकर पहुंची शालिनी सक्सेना, जोधपुरी हस्तशिल्प के साथ भागीदारी निभा रही ज्योति व्यास, जेम्स एंड ज्वेलरी का कार्य करने वाले राष्ट्रपति पुरस्कार सम्मानित सुनिश मारू के साथ ही सांगानेर में लाख चूड़ी के क्लस्टर को पहचान दिलाने वाले राजेंद्र पारसवाल मुख्य तौर पर शामिल हुए।