कोरोना के केस सामने आने के बाद चिकित्सा मंत्री ने ली बैठक

अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा, निर्देश वैरियंट घातक नहीं, लेकिन लक्षण नजर आएं तो चिकित्सक से परामर्श लें

जयपुर। देशभर में कोरोना के केस सामने आने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के अनुसार कोरोना का वर्तमान मे सामने आया वैरियंट घातक नहीं है, लेकिन आमजन खांसी—जुकाम या बुखार जैसे लक्षण नजर आने पर सामान्य एहतियात बरतते हुए चिकित्सा संस्थान जाकर आवश्यक परामर्श, जांच एवं उपचार लें। 

खींवसर ने कहा कि संवेदनशील वर्ग जैसे बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगी एवं बच्चे कोरोना के केसेज को देखते हुए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। आईएलआई के लक्षण नजर आने पर चिकित्सक से परामर्श लें एवं भीड़-भाड़ से बचें। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने वर्तमान स्थितियों के दृष्टिगत कोरोना से ज्यादा खतरा नहीं बताया है, लेकिन चिकित्सा संस्थानों में जांच, दवा एवं उपचार के लिए आवश्यक इंतजाम रखे जाएं, ताकि आईएलआई लक्षणों के मरीजों को जरूरी जांच एवं उपचार मिल सके। 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने ऑक्सीजन प्लांट्स की क्रियाशीलता पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश में विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट्स की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के साथ ही बंद ऑक्सीजन प्लांट्स को शीघ्र ठीक करवाएं।

प्रदेश में मंगलवार को 9 केस सामने आए

​निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मंगलवार को कोरोना के 9 केस सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि 2 केस एम्स जोधपुर में, 2 सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर में तथा 4 केस बी लाल लैब जयपुर एवं 1 केस अनाविक डायग्नोस्टिक सेंटर जयपुर में आया है। इस वर्ष अब तक 32 केस सामने आ चुके हैं। इनमें अजमेर में 2, बीकानेर में एक, डीडवाना में 3, जयपुर में 13, जोधपुर में 6, फलौदी में 1, सवाई माधोपुर में एक, उदयपुर में 4 एवं एक अन्य केस सामने आया है।   

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