प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की
प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी की, इस रिपोर्ट के अनुसार देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या है 6,327
पीएम ने घोषणा की कि चीते को एमपी के गांधीसागर अभयारण्य और गुजरात के बन्नी घास के मैदानों में भी लाया जाएगा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया। जहां उन्होंने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने वन्यजीव संरक्षण में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की। जिसमें नए संरक्षित क्षेत्रों के निर्माण और प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट, प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड जैसे प्रजाति-विशिष्ट प्रमुख कार्यक्रमों में उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। बोर्ड ने डॉल्फ़िन और एशियाई शेरों के संरक्षण संबंधी प्रयासों और अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट्स एलायंस की स्थापना पर भी चर्चा की।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने देश में पहली बार नदी डॉल्फिन अनुमान रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में नदी डॉल्फिन की कुल संख्या 6,327 है। इस अग्रणी प्रयास में आठ राज्यों की 28 नदियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 8,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर करने के लिए 3150 दिनों का समय लगा। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई। उसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल और असम का स्थान रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल सेंटर की आधारशिला भी रखी। जो वन्यजीव स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के समन्वय और प्रशासन के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
एशियाई शेरों की जनसंख्या का अनुमान हर पांच साल में एक बार किया जाता है। पिछली बार ऐसा 2020 में किया गया था। प्रधानमंत्री ने 2025 में आयोजित होने वाले शेरों की संख्या का अनुमान करने के 16वें चक्र की शुरुआत की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता पर विचार करते हुए, उन्होंने राष्ट्रीय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण कार्य योजना की घोषणा की।
बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने फ्रंटलाइन वन कर्मचारियों की गतिशीलता बढ़ाने के लिए मोटरसाइकिलों को भी हरी झंडी दिखाई। उन्होंने गिर में फील्ड स्तर के अधिकारियों से भी बातचीत की, जिसमें फ्रंटलाइन कर्मचारी, इको गाइड और ट्रैकर शामिल थे।