म्हारो हेलो सुणोजी रामा पीर…लोक गीत व तेरहताली से की बाबा रामदेव की अराधना

रामदेव जयंती पर लोक सांस्कृतिक संध्या व संवाद प्रवाह का आयोजन

जयपुर। लोकदेवता रामदेव की महिमा का बखान करते लोक गीतों की गूंज, भजनों पर तेरहताली नृत्यों में मंजीरे की झंकार और संवाद में जनप्रिय बाबा रामदेव पर विशेषज्ञों के विचारों का प्रवाह। जवाहर कला केन्द्र में सोमवार को यह दृश्य देखने को मिला। मौका रहा रामदेव जयंती के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम का।

कानोडिया कॉलेज के इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुमन धनाका, लोक नृत्य विशेषज्ञ अंजना शर्मा सहित अन्य ने विचार रखे। प्रसिद्ध लोक गायिका सुमित्रा देवी कामड़ ने लोकगीत गाए, वहीं लीला देवी समूह व राधिका देवी समूह के कलाकारों ने तेरहताली व मंजीरा नृत्य की प्रस्तुति दी।

डॉ. सुमन धनाका ने बाबा रामदेव की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए सामाजित समरसता और लोक कल्याण में उनकी भूमिका के विषय में बताया। उन्होंने बताया कि बाबा रामदेव हिंदुओं में कृष्ण के अवतार के रूप में तो मुस्लिमों में रामसा पीर के रूप में पूजे जाते हैं। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को समाहित कर कामड़ समुदाय की स्थापना की।

इस अवसर पर आसमान से गिरती बूंदों के मधुर संगीत के साथ प्रसिद्ध लोक गायिका सुमित्रा देवी ने लोक गायन की प्रस्तुति दी। यूं लगा कि बादलों ने भी बाबा रामदेव को प्रणाम कर अपनी हाजिरी लगाई। सुमित्रा ने गणेश वंदना से प्रस्तुति की शुरुआत की। ‘थानै लेवण आऊंला, बाई तू रोया ना करिये’ गीत में भाई बाबा रामदेव और बहन सुगना बाई के बीच प्रेम को दर्शाया।

#RamdevJayanti #FolkMusicMagic #CulturalHeritage #DevotionalVibes #JawaharKalaKendra #SpiritualRhythms #FolkDanceCelebration #BhajanBeats #ManjiraMelody #IndianTraditions

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!