भोपाल। मध्यप्रदेश में वन्यजीवों के पुनर्वास और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति और ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर समिति के बीच हुआ।
इस समझौते का उद्देश्य चिड़ियाघरों, रेस्क्यू सेंटर और सफारी में रखे गए वन्यजीवों के स्वास्थ्य, कल्याण और संरक्षण को मजबूत करना है। उज्जैन में प्रस्तावित चिड़ियाघर-सह-सफारी केंद्र की स्थापना के लिए तकनीकी सहयोग, वनकर्मियों व पशु चिकित्सकों के कौशल विकास और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित होंगे।
बाघों की आनुवंशिक जांच के लिए लैब सुविधा
समझौते के तहत प्रदेश के चिड़ियाघर संस्थानों के लिए एकीकृत डिजिटल प्रबंधन प्रणाली विकसित की जाएगी। ग्रीन्स जूलॉजिकल सेंटर की अत्याधुनिक प्रयोगशाला में बाघों की आबादी का आणविक आनुवंशिक विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही वन्यजीवों को प्रभावित करने वाली बीमारियों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए संयुक्त शोध कार्य शुरू होंगे।
यह एमओयू दो वर्षों तक लागू रहेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वी.एन. अम्बाड़े सहित ग्रीन्स जूलॉजिकल सेंटर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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