वन विभाग की टीम की सतर्कता से बड़ा हादसा टला, करीब दस माह का नर शावक निकला
जयपुर। गोपालपुरा के हिम्मतनगर स्थित एक फैक्टरी में घुसे लेपर्ड को आखिरकार रविवार अल सुबह ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया। तीन दिनों से वन विभाग की टीम लगातार उसके मूवमेंट पर नजर बनाए हुए थी।
गौरतलब है कि 21 अगस्त को शाम करीब पांच बजे वन विभाग को लेपर्ड के इस क्षेत्र में मूवमेंट की सूचना मिली थी। उसके बाद इसे ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किए जाने का कार्य शुरू किया गया था।

क्षेत्रीय वन अधिकारी जितेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि रविवार सुबह जैसे ही नर लेपर्ड ने मूवमेंट किया, वैसे ही डॉक्टर अरविंद माथुर ने उसे सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज किया। इसके बाद उसे पिंजरे में सुरक्षित डाला गया। इस दौरान झालाना नाका प्रभारी किशन कुमार मीणा, राजकिशोर योगी और वन विभाग का पूरा स्टाफ मौजूद रहा।
लगातार बारिश के बीच टीम की निगरानी
शनिवार सुबह से क्षेत्र में तेज बारिश हो रही थी, लेकिन रेंजर जितेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में वन विभाग की टीम लगातार मौके पर डटी रही। टीम ने हर पगमार्क और मूवमेंट पर सतर्कता बनाए रखी।
उम्र करीब दस माह, नर शावक होने की पुष्टि
जांच में पता चला कि रेस्क्यू किया गया लेपर्ड लगभग दस माह का नर शावक है। उसे वन्यजीव नियमों के अनुसार सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर वन विभाग की मुस्तैदी साबित कर दी। टीम की त्वरित कार्रवाई से किसी भी तरह की जनहानि से बचाव हुआ और लेपर्ड को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।