चिकित्सा मंत्री ने की समीक्षा, मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता प्रबंधन करने के दिए निर्देश

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में मानसून का दौर प्रारंभ हो चुका है। इसे देखते हुए सभी जिलों में मौसमी बीमारियों पर रोकथाम, जांच एवं उपचार के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। जिन जिलों में बारिश अधिक हो रही है, वहां विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि मौसमी बीमारियों के केस नियंत्रण में रहें। 

चिकित्सा मंत्री बुधवार को स्वास्थ्य भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में मौसमी बीमारियों से बचाव की तैयारियों सहित अन्य विषयों पर समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने संभाग एवं जिला स्तरीय अधिकारियों से चर्चा कर मौसमी बीमारियों की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक दिशा—निर्देश दिए। 

खींवसर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां भी मानव संसाधन की और आवश्यकता है, तत्काल अवगत कराएं। अस्पतालों में दवाओं की समुचित उपलब्धता और जांच उपकरणों की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मौसमी बीमारियों के बारे में नियमित रूप से रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए। साथ ही, राज्य एवं जिला स्तर पर प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।

ज्यादा से ज्यादा ग्राम पंचायतों को कराएं टीबी मुक्त

चिकित्सा मंत्री ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की समीक्षा करते हुए प्रदेश की अधिकाधिक ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग, जांच एवं उपचार गतिविधियां व्यापक स्तर पर संचालित हो। आमजन को जागरूक कर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाएं। 

अधिकारी फील्ड में एक्टिव रहें, स्वास्थ्य कार्यक्रमों का हो प्रभावी क्रियान्वयन

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि सभी अधिकारी फील्ड में एक्टिव रहकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। सीएमएचओ यह ध्यान रखें कि चिकित्सा संस्थानों में जांच एवं उपचार की व्यवस्थाओं में किसी तरह की कमी नहीं रहे। दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता हो और स्टाफ अनुपस्थित नहीं रहे। 

आरजीएचएस में गड़बड़ी पर होगी सख्त कार्रवाई

राठौड़ ने कहा कि अब आरजीएचएस योजना का संचालन चिकित्सा विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। सभी चिकित्सक रोगियों के उपचार में नियमों का पालन करें और दवाएं एवं जांचें लिखने में पूरी पारदर्शिता बरतें। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना की राज्य स्तर से गहन मॉनिटरिंग की जा रही है। किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!