जयपुर नाट्य समारोह के अंतर्गत नाटक ‘चंडालिका’ का मंचन

प्रेम और सम्मान पर प्रत्येक जाति-वर्ग का समान अधिकार

जयपुर। जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में जयपुर नाट्य समारोह के अंतर्गत शुक्रवार को नाटक ‘चंडालिका’ का सशक्त मंचन किया गया। इस प्रसिद्ध नाटक की कहानी रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखी है और नाट्य रूपांतरण व निर्देशन ओम प्रकाश सैनी ने किया है। सामाजिक कुरीतियों, आत्म-सम्मान और प्रेम की परिभाषा को नए सिरे से परखते इस नाटक ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया। समारोह के आखिरी दिन 19 अप्रैल को हिमांशु झांकल द्वारा निर्देशित नाटक ‘पर्दा उठने से पहले’ का मंचन होगा।

नाटक की शुरुआत एक चंडाल बस्ती में डाकूओं द्वारा दीनानाथ के घर पर डाका डालने से होती है। डाकू उनके घर से गहने व कीमती सामान लूटकर ले जाते हैं और घर को जलाकर राख कर देते हैं। यह सुनकर नाटक की नायिका प्राकृति के माता पिता घर और गांव छोड़कर कहीं दूर चले जाते हैं। प्राकृति की मां उसे कहती है कि वह ऐसे समुदाय से आती है जिसकी परछाई से भी लोग दूर भागते हैं। ऐसे में उसे कथित ऊंचे वर्ग के लोगों से दूरी बनाकर रखनी होगी।

नाट्य प्रस्तुति में मंच पर मानवेन्द्र सिंह, अंशिका राजपुरोहित, ख्याति श्रीमाली, युवराज सिंह शेखावत, निमिष दाधीच, वाज्ञा गुप्ता, सौंशील चौधरी, अभ्युदय सारस्वत, करण सासमल,अंकित शर्मा, लाखन सिंह राणावत, लविना बूलचंदानी, लवीना चोइथरामानी, परम तेजवानी, आरोही टिंकर, पायल सैनी, कोरस, बिजेंद्र, गौरव कुमावत, अवनी सैनी, तनीषा सैनी, अंजली सैनी ने विभिन्न भूमिका निभायी और मंच सज्जा अरुण सिंह, प्रकाश व्यवस्था विकास सैनी ने संभाली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!